उत्तराखण्ड
जिलाधिकारी ने भालुगाड़ वाटरफॉल समिति के सदस्यों के साथ की बैठक
जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कैंप हल्द्वानी में भालूगाड वाटरफॉल समिति के सदस्यों के साथ बैठक की। बैठक में जलागम क्षेत्र में सामूहिक प्रयासों से जल संरक्षण के कार्य किए जाने बेहद आवश्यक बताया है। जिलाधिकारी ने कहा कि भालूगाड़ जलप्रपात सामुदायिक सहभागिता का एक सुंदर उदाहरण है, भविष्य में इस जलागम क्षेत्र में जिसमें तीन चरणों में जल संरक्षण के कार्य किए जाएंगे।पिछले माह भालूगाढ के दौरे के समय जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों को जल संरक्षण कार्यों की कार्ययोजना बनाने और विस्तृत सर्वे के निर्देश दिए थे, इसके बाद हिमालय ग्राम विकास समिति के माध्यम से भालूगाड़ जलप्रपात समिति के लोगों ने इसका पूर्ण अध्ययन किया। जिसके क्रम में समिति के सदस्य और स्थानीय ग्रामीण जिलाधिकारी के पास कार्ययोजना लेकर वार्ता हेतु उपस्थित हुए । जिस पर विस्तृत चर्चा की गई । जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों से कार्य होना बेहद आवश्यक है उन्होंने धारी विकासखंड के भालूगाड़ जलप्रपात सामूहिक प्रयासों का एक अच्छा उदाहरण बताते हुए कहा कि प्रशासन जल संरक्षण के इस तरह सामूहिक प्रयासों की पूरी तरह मदद करेगा। जिलाधिकारी वंदना सिंह से मिले ग्रामीणों ने बताया कि तीन वन पंचायत गजार, हरी नगर और सूपी द्वारा 2020 में भालू गाड़ जलप्रपात समिति का गठन कर इसको आदर्श रूप देने का प्रयास किया गया। गर्मी के मौसम में इस जलप्रपात में कमी के चलते इसमें जलागम क्षेत्र में सामुदायिक रूप से जल संरक्षण के कार्य किए जाने आवश्यक है।समिति के सदस्यों ने बताया कि इसके प्रथम चरण में तीन झील, लगभग 50 ट्रेंच, और 28 चाल _खाल और द्वितीय चरण में 09 गधेरो के हर गधेरे में 10 चेक डेम तथा तृतीय चरण में 80 रेन वाटर हार्वेस्टिंग के काम किया जाना आवश्यक है। डीएम ने समिति को आश्वस्त किया कि इन कार्यों के लिए जनपद के सभी विभाग पूर्ण सहयोग करेंगे । जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि वर्षा जल संरक्षण के साथ ही प्राकृतिक स्रोतों और वर्षा जल संरक्षण की पुरानी पद्धतियों के माध्यम से भालूगाड़ जलप्रपात में भूजल स्तर बढ़ने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे साथ ही उन्होंने इस कार्य में जुटी समितियां को प्रोत्साहित भी किया है। बैठक में सरपंच गजार भवान सिंह, प्रधान राजेंद्र बिष्ट, संरक्षक बिष्ट सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।