उत्तराखण्ड
राजकीय महाविद्यालय टनकपुर के तत्कालीन प्राचार्य डॉ नागेंद्र पर 25000 रुपए का जुर्माना
टनकपुर। राजकीय महाविद्यालय टनकपुर चंपावत उत्तराखंड के तत्कालीन प्राचार्य व लोक सूचना अधिकारी डॉक्टर नागेंद्र द्विवेदी पर सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 20(1) के अंतर्गत 25000 रुपए का जुर्माना लगा।
राजकीय महाविद्यालय टनकपुर चंपावत के तत्कालीन प्राचार्य व लोक सूचना अधिकारी डॉ द्विवेदी को उत्तराखंड सूचना आयोग ने सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत एक आरटीआई के प्रकरण में सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 20(1) के अंतर्गत समय से सूचना न देने तथा गलत सूचना देने का दोषी पाया तथा कार्रवाई करते हुए उन पर ₹ 25000 रुपए का जुर्माना लगाया तथा डॉक्टर द्विवेदी को निर्देशित किया है की सूचना का अधिकार नियमावली 2013 के नियम 11 (क) व( ड) के अनुसार आयोग के आदेश प्राप्त के तीन माह की अवधि समाप्त होने पर वह उपरोक्त धनराशि राजकोष में जमा करेंगे।
उक्त राशि राजकोष में जमा न कराए जाने पर निदेशक उच्च शिक्षा उच्च शिक्षा निदेशालय नाबार्ड खेड़ा गोलापर हल्द्वानी जिला नैनीताल उक्त राशि की कटौती उनके वेतन से कटौती कर राजकोष में जमा कराएंगे तथा कृत कार्रवाई से आयोग को भी अवगत कराएंगे उक्त प्रकरण में अपीलर्थी प्रोफेसर डॉ सुनील कुमार कटियार द्वारा एक आरटीआई दिनांक 25 अगस्त 2022 को राजकीय महाविद्यालय टनकपुर के लोक सूचना अधिकारी डॉ नागेंद्र द्विवेदी को दी गई थी जिसमें उन्होंने अपीलर्थी को अधूरी आधी अधूरी सूचनाएँ उपलब्ध कराई थी उक्त के संबंध में डॉक्टर कटियार द्वारा प्रथम अपील अधिकारी को उनकी शिकायत की गई थी कि लोक सूचना अधिकारी टनकपुर द्वारा उन्हें आधी अधूरी सूचनाओं उपलब्ध कराई गई हैं परंतु डॉक्टर नागेंद्र द्विवेदी द्वारा उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया इसके उपरांत डॉक्टर कटियार ने अपना पक्ष सूचना आयोग में रखा।
उक्त के संदर्भ में आयोग ने सुनवाई करते हुए डॉ नागेंद्र द्विवेदी को सूचना अधिकार अधिनियम के प्रति सद मनसा ना रखना तथा प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेशों की अवहेलना के चलते सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 20(1 )के अंतर्गत दोषी पाया तथा ₹25000 का जुर्माना लगाए जाने संबंधित स्पष्टीकरण जारी किया था इसके उत्तर से संतुष्ट न होने के कारण आयोग ने उन पर यह पेनल्टी लगाई है।