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उत्तराखण्ड

शिक्षा विभाग ने तुगलगी फरमान शिक्षकों की ट्रैफिक ड्यूटी के आदेश को किया निरस्त

शिक्षा विभाग ने पर्यटन सीजन के दौरान सहायक अध्यापकों को ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने के आदेश को 24 घंटे के अंदर ही निरस्त कर दिया है। यातायात ड्यूटी पर लगाए गए सभी सहायक अध्यापकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह तत्काल अपनी उपस्थिति अपने मूल विद्यालय में दें।बता दें कि नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन सीजन के दौरान भारी संख्या में पर्यटक पहुंचते है। जिले में पुलिसकर्मियों की कमी के मद्देनजर नैनीताल जिलाधिकारी के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग ने अलग-अलग विद्यालयों में तैनात कई सहायक अध्यापकों को नैनीताल क्षेत्र में ट्रैफिक ड्यूटी संभालने के निर्देश दिए थे। शुक्रवार और शनिवार को सहायक अध्यापकों और बाबुओं ने यातायात व्यवस्था संभालने में पुलिस की सहायता भी की। विभागीय अधिकारियों के अजीबो गरीब फरमान से राजकीय शिक्षक संघ ने विरोध करना शुरू कर दिया था। शनिवार को यह मामला सुर्खियों में बना रहा। इस खबर को लेकर शिक्षकों में ही नहीं, बल्कि आम लोगों में भी खूब चर्चा रही। लोगों ने भी विभाग के इस आदेश को पूरी तरह गलत करार दिया था।इसे देखते हुए शनिवार की शाम जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) पुष्कर लाल टम्टा ने नया आदेश जारी किया। जिसमें कहा गया कि ट्रैफिक जाम के निराकरण के लिए सात जून से 13 जून तक सहायक अध्यापकों को सहयोग के लिए नामित करने संबंधी आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है। इस आदेश में संबंधित शिक्षकों को अपने मूल तैनाती वाले विद्यालयों में अपनी उपस्थिति देने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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