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हल्द्वानी- रानी बाग एचएमटी फैक्ट्री की भूमि पर ईपीएफओ का कब्जा
मीनाक्षी
हल्द्वानी।कभी कुमाऊं की शान रही एचएमटी रानीबाग फैक्ट्री अब बकाया भविष्य निधि अंशदान न चुकाने के कारण गहरे संकट में आ गई है।कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) हल्द्वानी कार्यालय ने कंपनी की 5.75 हेक्टेअर भूमि अधिग्रहित कर ली है। यह कार्रवाई मार्च 1986 से अक्टूबर 2012 तक करीब 26 साल के अंशदान में 11 करोड़ रुपये की बकाया राशि जमा न करने पर की गई है। अधिग्रहण की प्रक्रिया 31 जुलाई 2025 को पूरी कर दी गई और इसकी रिपोर्ट नैनीताल जिला प्रशासन और कंपनी के बैंगलूरु स्थित मुख्यालय को भेज दी गई है। ईपीएफओ के मुताबिक, मार्च 1986 से अक्टूबर 2012 तक एचएमटी रानीबाग ने अपने करीब 800 कर्मचारियों का भविष्य निधि अंशदान जमा नहीं किया। इस पर ईपीएफओ ने कर्मचारी भविष्य निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 की धारा 7 ए के तहत अर्थ-न्यायिक जांच की। जांच के दौरान प्रतिष्ठान को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया। जांच पूरी होने के बाद प्राधिकृत अधिकारी ने वसूली प्रमाण पत्र जारी कर वसूली अधिकारी को सौंपा। इसके बाद धारा 8बी से 8 जी के तहत कानूनी शक्तियों का उपयोग करते हुए ईपीएफ सीपी-16 नोटिस जारी कर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की गई। अधिग्रहण की सूचना उपजिलाधिकारी नैनीताल, सब-रजिस्ट्रार हल्द्वानी, तहसीलदार हल्द्वानी सहित संबंधित कार्यालयों को भेज दी गई है।
कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि : कमिश्नर ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त द्वितीय आकाश वर्मा ने कहा कि एचएमटी फैक्ट्री की भूमि अटैच करने के बाद 22 अगस्त को फैक्ट्री प्रबंधन और प्रशासन को सूचना पत्र भेज दिया गया है। अब फैक्ट्री की भूमि की खरीद-फरोख्त ईपीएफओ का बकाया दिये बगैर नहीं हो सकेगी। नियमानुसार जल्द फैक्ट्री की नीलामी प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि अंशदान बकाया रखने वाले प्रतिष्ठानों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। -एचएमटी-कभी उत्तराखंड की शान रानीबाग की एचएमटी फैक्ट्री 1982 में स्व. इंदिरा गांधी की मंजूरी और 1985 में स्व. राजीव गांधी के उद्घाटन के बाद शुरू हुई थी। स्व. एनडी तिवारी का ड्रीम प्रोजेक्ट रही यह फैक्ट्री 91 एकड़ में फैली थी और हर साल 20 लाख से ज्यादा घड़ियां बनती थीं। 500 से अधिक मशीनों और हजारों कर्मचारियों वाली यह यूनिट 2016 में बंद हो गई। अब भूमि जब्ती के बाद इसका सुनहरा अतीत केवल इतिहास बनकर रह गया है। कुमाऊं की 33 कंपनियों पर 3.32 करोड़ जुर्माना ईपीएफओ हल्द्वानी क्षेत्रीय कार्यालय ने कुमाऊं के 33 प्रतिष्ठानों पर अंशदान समय पर जमा न करने पर 2 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति (जुर्माना) और 1.32 करोड़ रुपये ब्याज ठोका है। यह कार्रवाई कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम की धारा 14 बी और 7 क्यू के तहत की गई है।

