उत्तराखण्ड
महिला के भागने की घटना के बाद अनिवार्य हुआ पुलिस सत्यापन
अल्मोड़ा जिले की रानीखेत तहसील में महिला को भगाने की घटना के बाद से ही क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है और इसके बाद अब अनिवार्य पुलिस सत्यापन होना जरूरी है। महिला को भगाने की घटना के बाद अनिवार्य पुलिस सत्यापन हो गया है। ताड़ीखेत, चिलियानौला, रानीखेत, नगरपालिका समेत आसपास इन दिनों भारी संख्या में बाहर से फेरीवाले व्यापारी घूम रहे हैं और लोगों का कहना है कि नगरपालिका ने ना ही इनका पंजीकरण किया है और ना ही पुलिस सत्यापन। पूर्व में क्षेत्र में कई आपराधिक घटनाएं हो चुकी है और जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं उनका पुलिस सत्यापन के साथ-साथ पालिका स्तर पर भी पंजीकरण होना अनिवार्य है। लोगों का कहना है कि रानीखेत के साथ ही आसपास कई संदिग्ध बगैर सत्यापन के घूम रहे हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में भी फेरीवाले आ रहे हैं इससे भविष्य में आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है इसलिए पुलिस को अनिवार्य सत्यापन कराना चाहिए। इसके साथ ही स्थानीय लोगों का कहना है कि कई स्थानों पर चोरियां हो चुकी है और उनका पर्दाफाश अभी तक नहीं हुआ है तथा सत्यापन में ढील दी गई तो आंदोलन किया जाएगा। वही पुलिस भी सत्यापन का कार्य प्राथमिकता से कर रही है यदि क्षेत्र में कोई भी संदिग्ध प्रकार का व्यक्ति दिखाई देता है तो पुलिस का कहना है कि उसकी सूचना दी जाए तथा आपराधिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।