उत्तराखण्ड
पूर्व सैनिक कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार 8वे दिन भी जारी
हल्द्वानी। पूर्व सैनिक कर्मचारी संगठन सैनिक कल्याण उत्तराखंड के पूर्व सैनिक कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार 8वे दिन भी जारी रहा। पूर्व सैनिक एवं वीरांगनाओं द्वारा धरंने पर बैठे प्रदेशभर के पूर्व सैनिकों की मांग को जायज ठहराया। कहा कि सातवां वेतनमान वर्ष 2016 एवं विभागीय संविदा नियुक्ति की तिथि से केंद्रीय सैनिक बोर्ड रक्षा मंत्रालय भारत सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार पूर्व सैनिक संगठनो ने समर्थन देने की घोषणा की है। वक्ताओं ने कहा क्योंकि 75% वेतन एवं भत्ते भारत सरकार रक्षा मंत्रालय केंद्रीय सैनिक बोर्ड दिल्ली द्वारा दिए जाते हैं। मात्र 25% ही राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है फिर भी कर्मचारियों की जायज मांग को नहीं माना जाना अति दुखद एवं दुर्भाग्य की बात है।
वक्ताओं ने कहा कि सैन्य बाहुल्य प्रदेश पर्वतीय प्रदेश होने के बाद भी पूर्व सैनिक कल्याण संविदा कर्मचारी की जायज मांगों को लेकर सैनिक कल्याण निदेशालय में धरने पर बैठे हुए हैं। अति दुर्भाग्य की बात है निदेशालय सैनिक कल्याण देहरादून कालिदास मार्ग में पहुंचे आंदोलनकारी पूर्व सैनिक कर्मचारी द्वारा सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी से निवेदन किया कि वह व्यक्तिगत रुचि लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यशस्वी सैनिक पुत्र होने के नाते सैनिकों के सम्मान में इस प्रकरण को अपने स्तर से कैबिनेट में लाने हेतु संबंधित को आदेशित करे। इसके साथ ही पूर्व सैनिकों एवं वीर नारियों को सम्मान दिलाये। संगठन के पदाधिकारियों द्वारा यह विशेष मांग रखी गई यदि सैनिक कल्याण कर्मचारियों का प्रकरण कैबिनेट में न लाया गया तो पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जायेगा।
प्रमुख मांगे–
1.सैनिक कल्याण कर्मचारियों को सातवां वेतनमान वर्ष 2016 से दिया जाए।
2.संविदा कर्मचारियों को नियुक्ति की तिथि से विभागीय की संविदा एवं नियमितीकरण किया जाए ।
संविदा कर्मचारी को विभागीय किए जाने पर मात्र ₹4 लाख प्रति वर्ष राज्य सरकार पर भार पड़ेगा ।
इस मौके पर पूर्व सैनिक कर्मचारियों व वीरांगनाओं द्वारा अपने-अपने विचार रखे गए। श्रीमती कमला तिवारी , श्रीमती निर्मला देवी, शंकर सिंह बिष्ट , भरत सिंह खत्री, आरसी तिवारी , भगवत सिंह कथायत, रमेश तिवारी, जय कृत सिंह कठैत, बलवीर सिंह पवार. श्रीमती नीमा देवी, श्रीमती सरिता बिष्ट. दीप बिष्ट, किशन ललित चुफाल, लक्ष्मी दत्त चौसाली, गोपाल सिंह बोरा एवं सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास संविदा कर्मचारी के संगठन के पदाधिकारी भी उपस्थित थे ।