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उत्तराखण्ड

लोक संगीत के मर्मज्ञ हिमांशु ने झंकृत किए मन के तारवसंत व चेती गायन से नम हुई पलकें

-नवीन बिष्ट 

अल्मोड़ा। लिट् फेस्ट के समापन सत्र में शास्त्रीय संगीत एवं पारम्परिक कुमाऊँनी लोक गायन शैली के मर्मज्ञ हिमांशु जोशी ने अपनी सुघड़ उपस्थित का ऐहसास कराया। इसके अलावा इस परिचर्चा सत्र मे पद्मश्री बसंती बिष्ट के मध्य चर्चा का पत्रकार नवीन बिष्ट संयोजन किया। एक ओर जहाँ अपने रियाजी कण्ठ का मोहक प्रदर्शन हिमांशु जोशी ने किया वहीँ जागर गायन शैली को बसंती बिष्ट बखूबी निभाया।

कार्यक्रम जय नंदा लोक कला केंद्र की झोड़ा चांचरी,छपेली की प्रस्तुति के साथ शुरू हुआ । प्रसिद्ध शास्त्री गायक रवि जोशी व साथी कलाकारों के द्वारा शास्त्री संगीत का संगीत मय कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
भारतीय कविता एवम अंग्रेजी साहित्य व उर्दू नज्म पर प्रोफेसर श्रवंन शर्मा डा. रेनु उनियाल परि चर्चा की इनके साथ वार्तालाप प्रोफेसर सैयद अली हामिद ने किया।

मेरा जीवन मेरा अनुभव पर लोक विज्ञानी चंद्र शेखर लोहूमी की कहानी का अनावरंन प्रोफेसर जे. सी भट्ट ने किया।
पोयट्स् आन द फॉल टॉपिक पर प्रोफेसर सैयद अली हामिद, मधु राघवेंद्र और डा, सिधार्थ वारियर परि चर्चा की इनके साथ वार्तालाप सुघनदा दास ने की। प्रादेशिक स्वर की मुख्य धारा (सिनेमा) पर मनमोहन चौधरी और दीपक रमोला ने परिचर्चा की इनके साथ वार्तालाप श्री सुदर्शन जुयाल ने की। अल्मोड़ा के लड़को तुमसे मौका ना छूटे पर नीलोतपल मृणाल ने परिचर्चा की इनके साथ वार्तालाप शैलेश भारतवासी ने की।

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