उत्तराखण्ड
प्रेमी की चाह में पति को लगा दिया था ठिकाने,अब होगी सजा
देहरादून। प्रेमी के साथ मिलकर शिक्षक पति की हत्या कराने वाली शिक्षिका और उसके प्रेमी को न्यायालय ने दोषी करार दे दिया। एडीजे चतुर्थ चंद्र मणि राय की अदालत ने दोनों आरोपियों को हत्या (302), साक्ष्य छिपाने (201) और षड्यंत्र रचने (120बी) के तहत दोषी करार दिया है। सजा पर फैसला आज सुनाया जाएगा। ज्ञात हो कि घटना के बाद से उपरोक्त दोनों आरोपी जेल में थे। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी जय कृष्ण जोशी ने बताया कि 16 जून 2018 को रायपुर थाना क्षेत्र के रिंग रोड किसान भवन के पास कार में किशोर चौहान जो पेशे से शिक्षक था, निवासी ग्राम गहड़, थाना हिंडोलाखाल टिहरी हाल निवासी देहरादून का शव मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला था कि टीचर की हत्या गला घोंटकर की गई है। 17 जून को किशोर चौहान के भाई की शिकायत पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। शक के आधार पर 28 जून को किशोर चौहान की पत्नी स्नेहलता और उसके प्रेमी सिपाही अमित पार्ले को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
अभियोजन ने न्यायालय में 36 गवाह पेश किए। पुलिस ने विवेचना के दौरान मोबाइल रिकॉर्डिंग और वायस सैंपलिंग की जांच भी कराई थी। जांच में पाया गया कि दोनों में एक माह में दौ सौ से अधिक बार बात हुई थी। अमित पार्ले ने घटना के दिन जो मोबाइल और सिम इस्तेमाल किया था, वह महज घटना के दिन कुछ ही घंटों के लिए इस्तेमाल हुआ था। मामले में साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने दोनों को दोषी करार दिया। प्रेमी के साथ रहने की चाहत में पति की हत्या करने वाली शिक्षक पत्नी ने प्रेमी सिपाही की मदद से घटना को बड़ी चतुराई से अंजाम दिया।लेकिन वह बच नहीं पाए।
गौरतलब है कि 16 जून को रायपुर क्षेत्र में रिंग रोड के किनारे एक कार में शिक्षक का शव मिला था। हत्या का खुलासा हुआ तो पता लगा कि आठ जून को एक होटल में स्नेहलता और अमित ने किशोर की हत्या की योजना बनाई थी। बताया गया कि दोनों के बीच काफी समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसीलिए उन्होंने एक-दूसरे के साथ रहने की चाहत में शिक्षक को रास्ते से ही हटा दिया। सिपाही अमित पार्ले उस वक्त हरिद्वार जिले में तैनात थे। स्नेहलता और अमित कॉलेज के समय से ही एक-दूसरे को जानते थे।
2017 में स्नेहलता-सिपाही अमित से मिली। दोनों की प्रेम कहानी की शुरुआत बीए की पढ़ाई के दौरान हुई थी। वर्ष 1999 में अमित डीएवी से जबकि, स्नेहलता डीबीएस पीजी कॉलेज से बीएसी की पढ़ाई कर रही थी। इस दौरान दोनों के बीच अच्छे संबंध रहे। 2000 में अमित आईटीबीपी में भर्ती हो गया। जबकि स्नेहलता आगे पढ़ाई करती रही। वर्ष 2006 में उत्तराखंड पुलिस में भर्ती होने पर अमित ने आईटीबीपी से इस्तीफा दे दिया। सितंबर 2017 में सोशल साइट फेसबुक के जरिए दोनों फिर एक-दूसरे के संपर्क में आए।
इस दौरान दोनों में तेजी से प्यार परवान चढ़ने लग गया। अकसर एक दूसरे से मुलाकात का दौर भी शुरू हुआ। स्नेहलता से मिलने के चक्कर में अमित ने किशोर सिंह चौहान से भी दोस्ती गांठी। हरिद्वार में तैनात ग्रांधीग्राम कांवली रोड देहरादून निवासी अमित जब भी देहरादून में अपने घर आता तो स्नेहलता से भी मिलता। इसकी भनक स्नेहलता के पति किशोर चौहान को लगी तो उन्होंने विरोध किया।
ऐसे में दोनों ने किशोर चौहान को रास्ते से हटाने की ठानी। घटना के वक्त शिक्षक किशोर सिंह चौहान जीआईसी सजवाण कांडा (देवप्रयाग) में तैनात थे। स्नेहलता जीआईसी शिवाली घाट ऊखीमठ (रुद्रप्रयाग) में शिक्षिका थी। स्नेहलता और किशोर की शादी वर्ष 2005 में हुई थी। जबकि अमित की शादी 2004 में हो गई थी। आरोपी अमित की दो बेटियां और एक चार साल का छोटा बेटा है।
नशे में पति को कार में लाकर प्रेमी को सौंप दिया। पत्नी के सिपाही से अवैध संबंध की भनक लगने के बाद से किशोर डिप्रेशन में रहता था,घटना के दिन 15 जून को शिक्षक किशोर सिंह चौहान पत्नी से विवाद के चलते सुबह से शराब पी रहे थे। शाम को किशोर को नशा हुआ तो स्नेहलता ने मौके का फायदा उठाते हुए पति को कार में बैठाकर खुद कार चलाकर आराघर चौक पहुंच गई। यहां चौकी के नजदीक खड़े अमित को देखकर स्नेहलता कार से उतर गई और जबकि पति को अमित के हवाले कर दिया। अमित ने पुलिस को बताया कि वह कार को सर्वे चौक, राजपुर रोड, आईटी पार्क होते हुए रिंग रोड पर लेकर पहुंचा और इसके बाद गला दबाकर नशे में धुत किशोर की हत्या कर फरार हो गया।
अपने और स्नेहलता के बचाव के लिए अमित हर साक्ष्य खत्म करना चाहता था। यही वजह रही कि शिक्षिका से वह अपने मोबाइल नंबर से बहुत कम संपर्क करता था। हत्या के रोज भी वह अपना मोबाइल फोन हरिद्वार छोड़कर आया था। दूसरा सिम किसी और के नाम पर लिया गया था।