उत्तराखण्ड
वनग्नि को रोकने के लिए वन विभाग द्वारा प्रशिक्षण शुरू।
गोपेश्वर (चमोली)। चमोली में वनग्नि पर प्रभावी रोक लगाने के लिए वन विभाग द्वारा पुलिस मैदान गोपेश्वर में वन पंचायत सरपंच, महिला मंगल दल और अग्नि रक्षक दल का प्रशिक्षण शुरू किया गया। शिविर का शुभारम्भ जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने किया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, मुख्य विकास अधिकारी नंदन कुमार और डीएफओ सर्वेश दुबे, तरुण सिंह मौजूद थे। गोपेश्वर के पुलिस मैदान में आयोजित शिविर में प्राशिक्षणार्थियों को फायर लाइन सफाई, वनाग्नि नियंत्रण, लीफ ब्लोअर, फायर वीटर, व फायर रैक के संचालन का प्रशिक्षण दिया गया। अग्निशमन दल की ओर से कूलिंग मैथड से आग बुझाने व एक घायल व्यक्ति को सीपीआर देने का अभ्यास भी करवाया गया। प्रशिक्षण के दौरान फोरेस्ट फायर एप्प के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी। साथ ही इस दौरान पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कमेड़ा के सरपंच प्रेम पाल बिष्ट को बीना देवी मेमोरियल अवार्ड, महिला मंगल अध्यक्ष अवार्ड पिलंग सुनीता देवी, वन पंचायत सरपंच ग्राम सोरियाना वीरेंद्र सिंह नेगी व वन पंचायत संरपच सरणा मातवर सिंह रावत को शॉल, प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। वहीं फायर वॉचर, महिला मंगल दलों को ट्रैक शूट व वॉटर बोतल वितरित की गई। जिला अधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि चमोली की आजीविका का आधार वन और पर्यटन पर आधारित है। पर्यटक नैसर्गिक सौन्दर्य देखने के लिए यहाँ आने को प्रेरित होते हैं। कहा कि अधिकांश वनाग्नि की घटनाएं मानव जनित ही होती हैं। जिनको जागरुकता और सावधानी से रोका जा सकता है। जनपद में वनाग्नि भूस्खलन का भी कारण बन रहा है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण आवश्यक है। उन्होंने मातृ शक्ति के पर्यावरण संरक्षण के योगादान को महत्वपूर्ण बताते हुए वन विभाग, राजस्व विभाग व अग्निशमन विभाग का सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने सभी को गम्भीरता से प्रशिक्षण लेने की बात कही। वहीं उन्होंने वनाग्नि के दोषियों पर नियमनुसार कड़ी कारवाई किए जाने और साथ ही वनों में आग लगाने वालों की जानकारी देने वालों को पुरस्कृत करने की भी बात कही।