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पहाड़ में बीमार महिला को लेकर 5 km पैदल चलना पड़ा..हालात कब बदलेंगे
उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते बीमारों और असहाय पीड़ितों को दांडी(डोली)में ले जाना पड़ता है। लेटेस्ट घटना बागेश्वर के दुर्गम क्षेत्र की है, जहां एक बीमार अधेड़ महिला को ग्रामीण डोली में रखकर नजदीकी मोटर मार्ग तक ले गए।
बागेश्वर जिले में कपकोट के दुर्गम बीथि गांव निवासी 45 वर्षीय बीना देवी के अचानक पेट मे दर्द हो गया। गांव में चिकित्सकीय सुविधा नहीं होने के कारण परिजन और ग्रामीण बिना देवी को 5 किमी डोली में रखकर पैदल मुख्य सड़क तक ले आए।
सड़क से वंचित ग्रामीण बिना फेवी को कंधों पर लादकर उबड़ खाबड़ जंगली मार्गों से पैदल ही लगभग पांच किलोमीटर ले गए। गांव के रहने वाले रोशन सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले इस समस्या को लेकर वो केदारेश्वर मैदान में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दे चुके हैं। कहा कि पहले भी पूर्व विधायक और कैबिनेट मंत्री ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। लगभग 250 लोगों की आबादी का ये गाँव नेटवर्क से भी वंचित है।
बीना देवी को सड़क मार्ग तक पहहुँचने के बाद मोटर से बागेश्वर अस्पताल के लिए रवाना किया गया। ये नज़ारा, बीमारों, गर्भवती महिलाओं, बीमार बच्चों व बुजुर्गों को ले जाते समय का आम है, जो आजादी के इतने लंबे समय बाद भी व्यवस्था की लाचारी दर्शाता है।