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हल्द्वानी-सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को नही मिल रहा बढ़ा वेतन

मीनाक्षी
हल्द्वानी। राज्य के सबसे पुराने राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों (फैकल्टी) को बढ़ा वेतन नहीं दिया जा रहा है। जबकि दून और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में नया वेतनमान लागू कर दिया गया है। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इसके पीछे की वजह शासनादेश (जीओ) का स्पष्ट नहीं होना बता रहा है। दोनों वेतनमान में करीब दोगुने का अंतर है, ऐसे में बढ़ा वेतन नहीं मिलने से हल्द्वानी के सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों में रोष पनप रहा है। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से संबंध डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में वर्तमान में चार सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर तैनात हैं। सरकार के दावों के मुताबिक प्रोफेसर पद पर तैनात सुपर स्पेशलिस्ट को चार लाख, एसोसिएट प्रोफेसर को 3.20 लाख और असिस्टेंट प्रोफेसर को 2.20 लाख (मैदानी) वेतन मिलना चाहिए। लेकिन इन डॉक्टरों को पूर्व में निर्धारित प्रोफेसर पद पर 1.43 लाख रुपये, एसोसिएट प्रोफेसर पद पर 1.23 लाख और असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर 95 हजार रुपये वेतन ही दिया जा रहा है। खास बात यह है कि राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बीती 25 फरवरी को 99 डॉक्टरों के लिए इंटरव्यू आयोजित किए थे। उसमें भी सुपर स्पेशलिस्ट माने गए डॉक्टरों के पदों के लिए पुराना वेतन ही दर्शाया गया। सूत्रों के अनुसार कम वेतन के चलते ही 99 डॉक्टरों के पदों के लिए मात्र सात डॉक्टर इंटरव्यू देने आए। नया वेतन नहीं मिलने से हल्द्वानी के डॉक्टरों में नाराजगी है। बीते दिनों हल्द्वानी आए निदेशक के सामने भी डॉक्टरों ने इस मामले को उठाया था।
पांच माह बाद जीओ को स्पष्ट नहीं बताया जा रहा.सरकार ने मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए उनकी सैलरी में दोगुना से ज्यादा वृद्धि की है। दो सितंबर को इसे लेकर स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने जीओ जारी किया था। जिसमें मैदानी इलाकों के मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिस्ट प्रोफेसर को 4 लाख, एसोसिएट प्रोफेसर को 3.20 लाख, असिस्टेंट प्रोफेसर को 2.20 लाख और सीनियर रेजिडेंट को 1.5 लाख वेतन देने की बात लिखी है। वहीं पर्वतीय इलाकों के मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिस्ट प्रोफेसर को 5 लाख, एसोसिएट प्रोफेसर को 4 लाख और असिस्टेंट प्रोफेसर को 3 लाख और सीनियर रेजिडेंट को 2 लाख रुपये देने की बात लिखी थी। पांच माह बाद भी जीओ स्पष्ट नहीं होने की बात कही जा रही है।
शासन द्वारा सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के बढ़े वेतनमान का जीओ जारी किया गया है। इस जीओ में कितना वेतन अधिकतम और कितना न्यूनतम सहित कई तथ्य स्पष्ट नहीं है। जिसे लेकर शासन को पत्र लिखा गया है। जैसे ही शासन से पत्र मिलेगा, उसी के अनुसार सुपर स्पेशलिस्ट का वेतन निर्धारण कर दिया जाएगा।
एसपी सिंह, वित्त नियंत्रक, राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी
राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून में सुपर स्पेशलिस्ट को नए वेतन का लाभ दिया जा रहा है। समझ में नहीं आ रहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिस्ट को बढ़ा हुआ वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा है? मामले में कॉलेज प्रबंधन से बात कर इसका हल निकाला जाएगा।डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक, चिकित्सा शिक्षा, उत्तराखंड


