आध्यात्मिक
आस्था व भक्ति का संगम हनुमान गढ़ी मन्दिर
आज हम आपको ले चलते हैं उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगरी में जहां भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। अयोध्या की इसी धरा पर हनुमान गढ़ी मन्दिर एक ऐसा अलौकिक स्थान है जिसके दर्शन करने से मनुष्य की समस्त व्याधियां शान्त हो जाती है सांसारिक मायाजाल में भटके मानव को यहाँ आकर बजरंगबली की कृपा से निराली शान्ति की प्राप्ति होती है। प्रभु श्री रामजी की कृपा हनुमान जी के बिना प्राप्त नही हो सकती है।इसलिए अयोध्या आनेवाले भक्तजन सबसे पहले यहाँ पधारकर श्री हनुमान जी के दर्शन करके उनकी कृपा प्राप्त करते है।
कहा जाता है, कि इनके दरबार में मागीं गयी मनौती कभी भी निष्फल नही जाती है।
हनुमान गढ़ी भारत भूमि के उत्तर प्रदेश में हनुमान जी का परम आस्थामय धाम है। श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में स्थित, यह शहर के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में एक है। माँ सरयू के तट अयोध्या के मध्य में स्थित हनुमानगढ़ी देश के प्रसिद्ध हनुमान मन्दिरों में एक है। इस मन्दिर की लोकप्रियता समूचे संसार में है। मनभावन सीढ़ियाँ पार करते हुए जब भक्तजन श्री हनुमान जी के दर्शन करते है। तो स्वंय को धन्य समझते है। राम मंदिर जाकर रामलला के दर्शन से पहले यहाँ पहुंचकर हनुमान जी के दर्शन का विधान है।
कहा जाता है, चौदह वर्ष का बनवास व लकांपति रावण का बध करने के बाद जब प्रभु श्री राम जी का आगमन अयोध्या की धरती पर हुआ तो यहाँ लौटनें के बाद हनुमानजी को यह स्थान प्रदान किया गया यहां रहकर राम नाम का जाप करते हुए नगर की रक्षा सुरक्षा का दायित्व सभालने लगे। और यह स्थान हनुमान गढ़ी के नाम से प्रसिद्व हुआ इसे हनुमान कोट भी कहा जाता है।
अयोध्या की धरती पर यही वह पावन स्थान है जहां से हनुमान जी अयोध्या व रामकोट की रक्षा करते थे। यहां की शोभा अति सुंदर है शिव अवतार हनुमान जी आज भी यहां साक्षात् विराजमान है ,यह विशाल मंदिर समूचे भारत में अपनी भव्यता के लिए विशेष रुप से प्रसिद्ध है। हनुमान जी का यह दरबार अयोध्या रेलवे स्टेशन के करीब है।स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग एक किलोमीटर है।माना जाता है,कि मंदिर का निर्माण महान् धर्मात्मा राजा विक्रमादिय द्वारा करवाया गया। इन्हे अयोध्या के कोतवाल के नाम से पुकारा जाता है।
एक गुफा स्वरुप मंदिर होनें से इसकी भव्यता मनमोहक है। यहां पर स्थापित हनुमानजी की प्रतिमा लगभग मात्र छह इंच लंबी है, भांति- भांति के फूलमालाओं से सुशोभित दरबार की अद्भूत छटा बरबस ही भक्तों के हृदय को प्रफुल्लित कर देती है। यहां से चारों ओर का नजारा अयोध्या की विराट भव्यता को दर्शाता है।कुल मिलाकर अयोध्या की हनुमान गढ़ी आस्था व भक्ति का भव्य संगम है।
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– रमाकान्त पन्त