उत्तराखण्ड
यहां 17 साल तक बनाया खाना, प्रिंसिपल ने अचानक नौकरी से हटाया
किसी संस्थान या विभाग में 17 साल तक नौकरी करने के बाद अगर किसी को नौकरी से हटा दिया जाए तो न्यायोचित नहीं कहा जायेगा। ऐसा ही मामला लोहाघाट में भी सामने आया है। बाराकोट ब्लॉक के दूरस्थ पड़ासो सेरा गांव की आर्थिक रूप से बेहद गरीब महिला विधवा महिला गीता देवी पिछले 17 वर्षों से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पड़ासो सेरा में भोजन माता के पद पर तैनात थी।
अब अचानक विद्यालय के प्रधानाचार्य ने उनको भोजन माता के पद से हटा दिया गया है। प्रधानाचार्य का कहना है कि विद्यालय में छात्र संख्या कम होने के कारण उनको हटाया गया है। वहीं, भोजन माता के पद पर तैनात गीता देवी का कहना है कि उनके साथ हुई नाइंसाफी हुई है।उन्होंने इसकी शिकायत सीएम पोर्टल पर की है।साथ ही डीएम चंपावत विनीत तोमर को भी ज्ञापन दिया है। गीता देवी ने बताया कि वो पिछले 17 वर्षों से पड़ासो सेरा गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में भोजन माता के पद पर कार्य कर रही थीं। अचानक विद्यालय हटा दिया गया, जिसके चलते उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है।
गीता देवी ने बताया कि अभी उनके दो बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल से मिलने वाली तनख्वाह से ही वह अपना व अपने बच्चों का लालन-पालन कर रही थी। लेकिन, अब उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चंपावत के प्रभारी सीईओ भानु प्रताप सिंह ने बताया कि विद्यालय में छात्र संख्या कम होने के कारण नियमानुसार गीता देवी को भोजन माता पद से हटाया गया है।