उत्तराखण्ड
यहां जिला पंचायत अध्यक्ष पर लगा सरकारी धन के गबन का आरोप, एसआईटी करेगी खुलासा
उत्तरकाशी।यहां दीपक बिजल्वाण को लेकर बड़ी खबर है। बता दें कि उत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण पर सरकारी धन के दुरुपयोग औऱ गबन का आरोप लगा है। इस मामले की जांच अब एसआईटी करेगी। इसके लिए एसआइटी टीम का गठन कर दिया गया है। उपमहानिरीक्षक सीआइडी एनएस नपच्याल की अध्यक्षता में चार सदस्यीय एसआइटी का गठन किया गया है और जल्द से जल्द जांच आख्या शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है। एसआइटी के अन्य सदस्यों में पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी प्रदीप राय, पुलिस अधीक्षक सीआइडी देहरादून और पंचायती राज विभाग से नोडल अधिकारी के रूप में एक अन्य सदस्य को शामिल किया गया है।
आपको बता दें कि दीपक रावत पर सरकारी धन का गबन करने का आरोप लगाया गया है। इससे पहले भी कई बार उन पर कार्यों कराने के नाम पर पैसों का गबन करने का आरोप लग चुका है। इसकी शिकायत सरकार तक पहुंची। दीपक पर आरोप है कि बिना कार्य कराए ही कार्यदायी संस्था और ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया। साथ ही निविदा आवंटन में भी पारदर्शिता का ध्यान नहीं रखा गया।इन शिकायतों पर शासन ने पहले उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और फिर मंडलायुक्त से जांच कराई। जांच में प्रथम दृष्ट्या आरोप सही पाए गए। इसके लिए उत्तरकाशी जिला पंचायत के तत्कालीन प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी अभियंता संजय कुमार और जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को जिम्मेदार ठहराया गया।इसके बाद शासन ने बिजल्वाण को अक्टूबर 2021 में कारण बताओ नोटिस जारी किया। संतोषजनक जवाब ना मिलने पर इस मामले की एसआइटी जांच कराने का फैसला लिया गया था। जांच प्रभावित न हो इसके लिए बिजल्वाण को जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी के पद से भी हटा दिया गया था।
चुनाव नजदीक होने के कारण तब एसआइटी गठित नहीं हो पाई थी। अब शासन ने एसआइटी गठित कर दी है। इसमें उच्च न्यायालय के इसी साल 13 जनवरी को दिए गए एक अन्य आदेश का हवाला देते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष की गिरफ्तारी पर रोक भी लगाई गई है।