उत्तराखण्ड
उच्च न्यायालय ने रामनगर में अवैध खनन संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई की
नैनीताल
रिपोर्टर भुवन ठठोला
ऊत्तराखण्ड के रामनगर में अवैध खनन संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए दो सप्ताह में स्थलीय जांच रिपोर्ट दाखिल कराने को कहा है। न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर को पूर्ण सुरक्षा और तीस हजार रुपये की फीस देने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने आज उसहम सिंह नगर जिले में रामनगर रेंज के गुलजारपुर में चार सड़कों से अवैध खनन होने का आरोप लगाया था। मामले में सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष द्वारा एफिडेविट में बताया गया की चार गेटों में पांच जगह चैकपोस्ट लगाए गए हैं। जबकि आठ जगहों में पोस्ट होनी चाहिए। न्यायालय ने अवैध खनन पर सवाल उठाते हुए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया। खंडपीठ ने दो हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा है। न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर को पूरी सुरक्षा देने और उन्हें ₹30,000/= फीस के रूप में देने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने अगली तारीख पर निदेशक भूगर्भ विभाग और माइनिंग से व्यक्तिगत या ऑनलाइन रूप से उपस्थित रहने और जवाब दाखिल करने को कहा है।
गुलजारपुर निवासी प्रिन्सपाल सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उधम सिंह नगर जिले में रामनगर रेंज के गुलजारपुर के जंगलों से लगातार अवैध खनन हो रहा है। इसे तत्काल रोका जाए क्योंकि इससे वन संपदा को भी नुक्सान हो रहा है।