Connect with us

उत्तराखण्ड

उच्च न्यायालय ने पूर्व वनरक्षक राजेश भरतरी को सरकार द्वारा थमाए आरोप पत्र के मामले में सुनवाई की

रिपोर्टर -भुवन ठठोला
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व वन संरक्षक राजीव भरतरी को सरकार द्वारा थमाए गए आरोप पत्र के मामले पर सुनवाई की। खण्डपीठ ने राज्य सरकार , सचिव वन व् विनोद सिंघल को नोटिस जारी कर पूछा है कि कोर्ट को तीन सप्ताह के भीतर यह बताएं कि क्यों उन्हें बिना सुने आरोप पत्र दिया गया, मामले की अगली सुनवाई 6 जून की तिथि नियत की है। आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई।

मामले के अनुसार पूर्व वन संरक्षक राजीव भरतरी ने राज्य सरकार द्वारा उन्हें दिए गए आरोप पत्र को याचिका दायर कर उच्च न्यायलय में चुनौती दी, जिसमे भरतरी द्वारा कहा गया कि उनको यह आरोप पत्र बिना उनका पक्ष जाने दिया गया है और साथ साथ जो संलग्नक दस्तावेज भी आरोप पत्र के साथ लगाए हुए है, वह भी बहुत अस्पष्ट है |
सरकार ने पूर्व में ही यह आरोप पत्र उन्हें निर्गत किया था जिसमे उनके ऊपर कॉर्बेट पेड़ कटान में ठोस कार्यवाही नहीं करने का आरोप दर्शाया गया है। भरतरी का उस समय यह कहना था की उन्होंने कॉर्बेट प्रकरण में ठोस कार्यवाही करी है इसीलिए तत्कालीन वन मंत्री ने अपने मन पसंदीदा अधिकारी को बचाने के लिए उन्हें पद से हटा दिया था । सुनवाई के दौरान, मुख्य स्थाई अधिवक्ता के द्वारा यह कहा गया की प्रस्तुत याचिका केंद्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण में दाखिल होनी चाहिए थी |

यह भी पढ़ें -  खटीमा में कन्फेक्शनरी की दुकान में हुआ भीषण अग्निकांड, केक पेस्ट्री जलकर राख
Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News