उत्तराखण्ड
हल्द्वानी जेल में पहली बार होगी दुग्ध संघ की ऐतिहासिक बोर्ड बैठक
उत्तराखंड उत्पादक सहकारी संघ (यूसीडीएफ) के इतिहास में पहली बार दुग्ध उत्पादन से जुड़ी व्यवस्थाओं को लेकर जेल में बोर्ड बैठक आयोजित होने जा रही है। यह निर्णय माननीय कोर्ट के आदेश पर लिया गया है, क्योंकि नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा वर्तमान में हल्द्वानी उपकारागार में बंद हैं।
कोर्ट के आदेश पर जेल में बैठक क्यों?
मुकेश बोरा पर पॉक्सो एक्ट और धारा 376 के तहत आरोप हैं, जिसके कारण वे जेल में हैं। उनके अधिवक्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि दुग्ध संघ की नियमित बोर्ड बैठक जेल में आयोजित करने की अनुमति दी जाए, ताकि दुग्ध उत्पादन और आपूर्ति प्रभावित न हो। पॉक्सो कोर्ट ने यह अनुरोध स्वीकार कर 5 फरवरी को हल्द्वानी उपकारागार में बैठक आयोजित करने का आदेश दिया।
बैठक की तैयारियां
उत्तराखंड डेयरी विकास विभाग के निदेशक संजय खेतवाल ने बताया कि कोर्ट के आदेशानुसार सभी बोर्ड सदस्यों को नोटिस जारी किया जा रहा है। बैठक में केवल उन्हीं सदस्यों को शामिल होने की अनुमति होगी, जिनके नाम आदेश में शामिल किए गए हैं।
मुकेश बोरा और विवाद
मुकेश बोरा पूर्व बीजेपी नेता और नैनीताल दुग्ध संघ के अध्यक्ष हैं।
उन पर महिला से दुष्कर्म और उसकी बेटी से छेड़छाड़ के गंभीर आरोप हैं, जिसके चलते वे जेल में हैं।
अभी तक आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं, इसलिए वे अभी भी दुग्ध संघ के अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं।
कानूनी पक्ष क्या कहता है?
वरिष्ठ अधिवक्ता पीयूष तिवारी ने बताया कि चूंकि मुकेश बोरा को अभी दोषी करार नहीं दिया गया है, इसलिए वे बोर्ड की बैठक में भाग लेने के अधिकारी हैं। यदि किसी व्यक्ति या विभाग को इस पर आपत्ति हो, तो वे न्यायालय में अपील कर सकते हैं।
नतीजा
पॉक्सो कोर्ट के आदेश के अनुसार, यह बैठक दुग्ध संघ के संचालन को सुनिश्चित करने के लिए एक असाधारण लेकिन कानूनी रूप से मान्य निर्णय है। हल्द्वानी उपकारागार में होने वाली यह बैठक उत्तराखंड के सहकारी इतिहास में पहली ऐसी घटना होगी।