उत्तराखण्ड
जंगलों में लगी भीषण आग, दर्जनों गांव आग की चपेट में
दन्या (अल्मोड़ा)। क्षेत्र में जंगलों का जलना आम बात सी बन चुकी है। गर्मियों में जंगलो में आग लगने का सिलसिला जारी है। अभी क्षेत्र में चारों ओर धुऐं की परत दिखाई दे रही है। दूर से देखने पर दूसरी तरफ कुछ भी नही दिखाई दे रहा है। वही आज अल्मोड़ा- पिथौरागढ़ हाइवे पर दन्या से लगे जंगल मे अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया।
विकास खंड धौलादेवी के दन्या बाजार से सटे वन पंचायत आटी में लगभग 12.45 बजे अचानक आग लगने से ग्रामीणों में अफरातफरी मच गई। सूचना मिलते ही ग्रामीण व वन सरपंच गिरीश जोशी घटना स्थल में पहुचे। आग बुझाने ने जुट गए। लेकिन जंगल की आग की लपटें हवा के साथ-साथ जंगल में फैलने लगी। स्थानीय लोगो ने आग बुझाने में सारी ताकत झोंक दी।
लेकिन काफी मसक्कत के बाबजूद भी आग पर काबू नही पाया जा सका चीड़ व् बांज के पत्तों में लगने वाली आग ने अपना विकराल रूप ले लिया। देखते ही देखते आग हजारों हरे पौधों को जलाकर दूसरी तरफ के अन्य गांवो बिल्क, कफलनी बागापाली नैकाना आदि गाँवो मे पहुँच गयी।
क्षेत्र में दन्या बाजार के पास यह बांज व् चीड़ का एक हरा- भरा जंगल था। जो अब जलकर खाक हो चुका है।
दन्या बाजार से भगवती मंदिर दर्शनार्थ भक्तो का पैदल रास्ता भी जंगल से होते हुए निकलता है। जो लगभग चार किलोमीटर घने चीड़ व् बांज के जंगल के बीचों बीच होते हुऐ भगवती मंदिर तक पहुचता है। इस प्रकार के हरे भरे वनों को जलते देख किसका दिल नही पसीजेगा। जहा सरकार वनों को बचाने के लिए करोड़ो रूपये खर्च करती है, लेकिन वनों को बचाने के लिए अभी तक धरातल में कोई कार्य होते हुऐ नही दिख रहा है। देखते ही देखते हरे भरे वनों व वन्य जीवों को भारी मात्रा में नुकसान हो रहा है।
संवाददाता- खजान पाण्डेय