दिल्ली
‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ का नई दिल्ली में उद्घाटन, उत्तराखण्ड के जैविक और पारंपरिक उत्पादों को मिला राष्ट्रीय मंच
नई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखण्ड निवास परिसर, नई दिल्ली में आज सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के पहले आउटलेट का भव्य उद्घाटन किया । इस अवसर पर सीएम ने कहा कि यह केंद्र उत्तराखण्ड राज्य की पारंपरिक धरोहर, जैविक उत्पादों और स्थानीय हस्तशिल्प को राष्ट्रीय राजधानी में संगठित रूप से प्रस्तुत करने का पहला प्रयास है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आरंभ की गई इस अभिनव पहल को राज्य की डबल इंजन सरकार की दूरदर्शी सोच का परिणाम बताया जा रहा है। ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ का उद्देश्य प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में तैयार होने वाले प्राकृतिक, जैविक और हस्तनिर्मित उत्पादों को न केवल देश के बाजारों में, बल्कि वैश्विक मंच पर भी पहचान दिलाना है।

उत्तराखण्ड सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह आउटलेट न केवल राज्य के लोकल-फॉर-वोकल अभियान को गति देगा, बल्कि इससे महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों, कारीगरों और किसानों को भी सीधा लाभ मिलेगा। इसके माध्यम से राज्य की संस्कृतिक विरासत, हस्तशिल्प, लोककला और पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित कर आधुनिक बाजार से जोड़ा जाएगा।

राज्य सरकार का मानना है कि ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ उत्तराखण्ड के लिए एक ब्रांडिंग प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेगा और जैविक उत्पादों, जैसे कि पहाड़ी दालें, जड़ी-बूटियाँ, शहद, हाथ से बने ऊनी वस्त्र, काष्ठ शिल्प आदि को उपभोक्ताओं तक विश्वसनीय तरीके से पहुँचाने में सहायक होगा।
इस पहल को पर्यटन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से भी जोड़ा जा रहा है, जिससे स्थानीय रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो सके। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से संचालित यह योजना उत्तराखण्ड के आत्मनिर्भर विकास के प्रयासों में मील का पत्थर मानी जा रही है।



