उत्तराखण्ड
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को कैसे भूल गई सरकार
-तराई में नहीं मिली आज तक जमीन, सेनानी पौत्र ने मांगा हक
पर्वत प्रेरणा ब्यूरो
बागेश्वर/हल्द्वानी। अंग्रेजों भारत छोड़ो, के नारे पर स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजों को खदेड़ने की अहम भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय तारा दत्त जोशी को आखिर कैसे भूल गई सरकार। आजादी के वर्षों बीतने के बाद भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व उनके आश्रितों को तराई में कहीं भी जमीन नहीं दी गई, जबकि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. तारा दत्त जोशी के साथ वालों को तराई के हरिपुरा हरसान,शांतिपुरी तथा देवरिया किच्छा आदि क्षेत्रों में जमीन दे दी गई।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय तारा दत्त जोशी तड़ीगांव, क्वेराली जनपद बागेश्वर ने आजादी आंदोलन में अहम योगदान दिया। उन्होंने अंग्रेजों का डठकर मुकाबला किया। स्व. जोशी पं गोविंद बलल्भ पंत के दाहिने हाथ थे । उन्होंने बद्री दत्त पान्ड़े और देवकीनंदन पान्ड़े का भी सहयोग किया।वह गढ़वाल व कुमाऊँ का पैदल भ्रमण कर अंग्रेजों के ठिकानों का पता लगाकर आगे खबर देते थे।इसी कारण अंग्रेज सैनिक के द्वारा वार किए जाने पर उनका बाया पाँव टूट गया ठीक उपचार न मिलने के कारण पंच तत्व में विलीन हो गये।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व.जोशी ईमानदार एवं सरल स्वभाव के थे। इसीलिए उनको भूला गया। जबकि उनके साथ के लोगों को तराई में वर्षों पहले जमीन मिल गई थी। लेकिन वह छूटे रह गए उन्हें केवल पेंशन मिलती थी। वर्ष 1977 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तारा दत्त जोशी का निधन हो गया। तद्पश्चात उनकी धर्मपत्नी माधवी जोशी को भी मात्र पेंशन ही दी गई। सन 1994 में उनका भी निधन हो गया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का एक ही पुत्र मात्र है वर्ष 2015 में उनका भी निधन हो गया। केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों के लिये वर्ष 2016 में कुटम्ब उत्तराधिकारी पेंशन चलाई । इस योजना का लाभ मात्र पेंशन के रूप में पुत्रवधु को मिल रहा है। अब स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का पौत्र गणेश दत्त जोशी सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार की उपेक्षा की है। उनका हक उनको नहीं दिया जो अन्याय है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुये अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की भांति तराई में कहीं भी जमीन देने को कहा है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. तारा दत्त जोशी का नाम जनपद बागेश्वर के सेनानियों की सूची में प्रथम स्थान पर अंकित है।