Connect with us

उत्तराखण्ड

नैनीताल में धूमधाम से मनाया मोहर्रम नैनीताल के निवासी रोहित आर्य 8 साल से दे रहे हैं अपना सहयोग ताजिया बनाने मे और लेते हैं। रोजा

नैनीताल

रिपोर्टर भुवन ठठोला

नैनीताल। मोहर्रम कमेटी के तत्वाधान में मल्लीताल क्षेत्र के रॉयल होटल से जलूस निकाला गया जो मल्लीताल बाजार का भ्रमण करते रजा क्लब मल्लीताल में संपन्न हुआ। जिसमें कमेटी का ताजिया व फतेह निशान आलम ,ढोल ताशा के साथ सहादत की रात को जुलूस निकाला गया। मोहर्रम में समस्त बच्चे महिलाओ बुढो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।


वहीं रोहित आर्या ने बताया की 8 सालों से ताजियों को बनाने में अपना सहयोग देते हैं रोजा भी रखते हैं।
मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष नाजिम बख्श ने बताया जुलूस दोपहर 12:30 बजे से प्रारंभ हुआ जो शहर के विभिन्न स्थानों में घूमकर देर रात सूखाताल में संपन्न हुआ। जिसके बाद सभी लोगों ने अपने-अपने ताजियों को मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार दफनाया गया। इस दौरान जुलूस में आए विभिन्न अखाड़ों के लोगों ने अपने-अपने हथियारों और विभिन्न मुद्राओं में प्रदर्शन किए।

वही दूसरी तरफ तल्लीताल हरिनगर क्षेत्र में शिया समुदाय के लोगों ने मातमी जुलूस निकाला जो हरीनगर स्थित अफजल खान के घर से निकलकर मोटापानी स्थित इमामबाडे में जाकर संपन्न हुआ। मातमी जुलूस में कई शिया समुदाय के लोग शामिल रहे।
बता देें कि कारगिल से आए मौलाना सज्जाद हुसैन वह जौनपुर से आए मौलाना कुमेल अब्बास ने मजलिस को खिताब फरमाया और उन्होंने बताया इस घटना में हजरत मुहम्मद (सल्ल.) के नवासे (नाती) हजरत हुसैन को यज़िद ने शहीद कर दिया गया था। मोहर्रम बच्चों, महिलाओं सहित लोगों पर ढाए गए जुल्म व सितम की कभी न भूली जाने वाली दर्द भरी दास्तां है. इस दिन हजरत इमाम हुसैन सहित उनके मासूब बेटे और साथियों को शहीद कर दिया गया था. कर्बला में हजरत इमाम हुसैन की शहादत ने पूरी दुनिया में इस्लाम का बोलबाला कर दिया. मोहर्रम इस्लामिक साल का पहला महीना कहलाता है. मुस्लिम मजहब में मुहर्रम का बहुत ही अहम है पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत में मुहर्रम मनाया जाता है।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
यह भी पढ़ें -  डीएफओ कांडपाल की विदाई समारोह में हर कोई दिखा भावुक

More in उत्तराखण्ड

Trending News