उत्तराखण्ड
राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन की पहली बैठक में पदाधिकारियों ने लिया समाज सेवा का संकल्प
हल्द्वानी। राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन उत्तराखंड के पदाधिकारियों की आज यहां पहली बैठक रामपुर रोड स्थित एक रेस्टोरेंट सभागार में संपन्न हुई। बैठक में सर्व प्रथम संगठन के राष्ट्रीय सचिव मनोज नेगी ने पदाधिकारियों का परिचय कराया और संगठन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
श्री नेगी ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन मानव के अधिकारों का जहां सभी को परिचय करायेगा वही समाज में व्याप्त तमाम खामियों को भी दूर कराने को आगे आयेगा। उन्होंने कहा कि गरीब से गरीब तबके के व्यक्ति के इलाज में संगठन निश्चित तौर पर मदद देगा। उन्होंने कहा संगठन अपराध एवं अपराधियों से समाज को मुक्त कराना, नागरिकों को कानूनी अधिकार एवं उचित न्याय दिलाना, महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाना, दिव्यांगों की सहायता करना, लोगों को अपने अधिकार के बारे में जागरूक करना, पुलिस का भय आम जनता के मन से निकाल कर सही तालमेल व सूझबूझ कायम करना जैसे तमाम मुद्दों पर काम करेगा।
बैठक के दौरान वरिष्ठ नागरिक एवं समाजसेवी भगवान सहाय ने मानव के अधिकारों पर प्रकाश डालते हुए सभी से कहा कि वह जीवन में सबसे पहले स्वयं को फिर अपने परिवार को और उसके बाद समाज को बदलने व सुधारने में अवश्य भागीदारी करें।
श्री सहाय ने तमाम अनुभवों को सामने रखते हुए कहा की इस मनुष्य जीवन में सेवा भाव से ज्यादा धन दौलत इत्यादि कुछ भी नहीं है जो जितनी सेवा करेगा वह उतनी अच्छी विदाई से यहां से जाएगा।
बैठक में सभी वक्ताओं ने एकजुट होकर राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन को सशक्त एवं मजबूत बनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर संगठन के महिला प्रदेश अध्यक्ष श्रुति गोलवालकर, दीपाली आर्य, दीक्षा बिष्ट, श्रुति तिवारी,सरोज गोपाल सिंह, तारा अधिकारी, इंदिरा बिष्ट, एसएस रावत,मनोहर चंद्र जोशी, गीता नेगी, इंदु डसीला, मीडिया प्रभारी सुरेश चंद पाठक, मदन मोहन पाठक, आनंद नेगी, गुंजन,जानकी थापा, पूर्व प्रधानाचार्य जीना जी समेत अनेक पदाधिकारी मौजूद थे।