उत्तराखण्ड
नंधौर नदी में खनन कार्य में निष्क्रियता को देखते हुए जिला खनन समिति ने कड़ा कदम उठाने का फैसला
मीनाक्षी
नंधौर नदी में खनन कार्य में निष्क्रियता को देखते हुए जिला खनन समिति ने कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। समिति की हालिया बैठक में वन निगम ने लगभग 2000 ऐसे डंपरों के रजिस्ट्रेशन निरस्त करने का प्रस्ताव रखा, जो लंबे समय से खनन में सक्रिय नहीं हैं। इस कदम से नदी में खनन लक्ष्य को पूरा करने में आसानी होगी और नए सिरे से वाहनों का पंजीकरण किया जाएगा। वर्तमान में नंधौर नदी के 6 गेटों पर खनन कार्य के लिए करीब 4000 से अधिक डंपर रजिस्टर्ड हैं, लेकिन इनमें से आधे से ज्यादा वाहन पिछले दो साल से खनन कार्य में बिल्कुल सक्रिय नहीं हैं।इन निष्क्रिय डंपरों के कारण खनन के निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल साबित हो रहा है। समिति की बैठक में वन निगम के अधिकारियों ने 2000 खनन वाहनों के रजिस्ट्रेशन को निरस्त करने का प्रस्ताव दिया है। इन डंपरों के रजिस्ट्रेशन निरस्त होने के बाद डंपरों की नए सिरे से रजिस्टर किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है। सात से खुलेगी गौला और नंधौर वन निगम ने गौला व नंधौर को खनन के लिए खोलने की तैयारी तेज कर दी है। 7 नवंबर से गौला व नंधौर के गेटों को खनन के लिए खोल दिया जाएगा। धीरेश सिंह बिष्ट, डीएलएम, वन निगम ने बताया कि निगम अधिकारियों के अनुसार 24 नवंबर को केन्द्रीय जल व मृद्धा की टीम गौला व नंधौर का फाइनल सर्वे करेगी जिसके बाद खनन का अंतिम लक्ष्य जारी कर दिया जाएगा। नंधौर में खनन किए गए 2000 से अधिक खनन वाहन निष्क्रिय है। इन डंपरों के रजिस्ट्रेशन को निरस्त कर नए सिरे से वाहनों को रजिस्टर किया जाएगा। इसको लेकर जिला खनन समिति की बैठक में प्रस्ताव दिया गया है। वहीं गौला व नंधौर के खनन गेटों को सात नवंबर से खोला जाएगा।

































