उत्तराखण्ड
पारंपरिक वेषभूषा व ऐपण के साथ मनाया गया अंतरष्ट्रीय महिला दिवस
अंतरास्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नेहा संगीत एवं नृत्य अकादमी में अपनी पारम्परिक वेश – भूषा (कुमाउँनी) और लोक कला ऐपण को एक साथ समाहित कर अकादमी की महिलाओं के साथ महिला दिवस मनाने का कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में लोक नृत्य , भाषण , ऐपण कला , इत्यादि समिल्लित किये हुए थे। जिसमें अकादमी की महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और आज के कार्यक्रमों से महिलाएं काफी उत्साहित भी नजर आई। महिलाओं ने अकादमी की संचालिका नेहा बघरी मेहता से निवेदन किया कि इस तरह के कार्यक्रम बीच बीच मे होते रहने चाहिए, जिससे कि महिलाएं भी अपना हुनर दिखा सकें और अकादमी के माध्यम से उनको उचित मंच प्रदान हो सके। अकादमी की महिलाओं ने अपनी शिक्षिका नेहा बघरी मेहता का धन्यवाद ज्ञापित कर आभार व्यक्त किया। अकादमी में महिलाओं ने सामूहिक काव्य पाठ भी किया।
दिलो में बस जाए वो मोहब्बत हूँ
कभी बहन कभी ममता की मूरत हूँ
मेरे आँचल में है चाँद – सितारे
माँ के कदमो में बसी एक जन्नत हूँ
हर दर्द-हो-गम को छुपा लिया सीने मैं
लब पे ना आये कभी वो हसरत हूँ
मेरे होने से ही है यह कायनात जवान
जिंदगी की बेहद हसी हकीकत हूँ
हर रूप रंग में ढल कर सवर जाऊ
सब्र की मिसाल हर रिश्ते की ताकत हूँ
अपने हौसले से तक़दीर को बदल दूँ
सुन ले ऐ दुनिया, हाँ मैं एक औरत हूँ।
इस अवसर पर शहर के गणमान्य व्यक्तियों सहित छात्र-छात्राएं, अभिवावक व संस्कृति प्रेमी प्रेम प्रकाश उपाध्याय सहित कई लोग उपस्थित रहें।