Connect with us

उत्तराखण्ड

जमरानी बांध ही हल्द्वानी पेयजल का विकल्प: वर्मा

हल्द्वानी। जमरानी बांध निर्माण संघर्ष समिति के संयोजक नवीन चंद वर्मा ने कहा है कि सन 1975 से आज तक जनप्रतिनिधियों की दृढ़ संकल्पता की कमी और जमरानी बांध को चुनावी मुद्दा बनाए जाने के कारण ही यह परियोजना आज तक शुरू नहीं हो पाई है । 48 वर्षों में हल्द्वानी की आबादी का ग्राफ गुणात्मक आधार से बढ़ गया है।

जब सन् 1975 में परियोजना की आधारशिला रखी गई थी तब हल्द्वानी की आबादी 35 /40 हजार थी जो आज 5 लाख को पार कर चुकी है ऐसे में पेयजल आपूर्ति ही प्रमुख मुद्दा बनकर रह गया है तत्कालीन केंद्रीय सिंचाई मंत्री केएल राव जो उस समय शीर्ष बांध विशेषज्ञों में माने जाते थे तथा के सी पंत जी ने इस परियोजना का स्थलीय निरीक्षण कर इसे मंजूरी दी थी लेकिन कतिपय कारणों से इतने लंबे अंतराल तक यह केवल राजनीतिक मुद्दा सा बन कर रह गया है ।

हल्द्वानी महानगर का दुर्भाग्य है कि यहां पेयजल पुनर्गठन हेतु कोई ठोस कार्य योजना रखने वाला अभियंता हमें नहीं मिल पाया , आज तक जल निगम द्वारा वर्तमान आबादी को देखते हुए कोई डीपीआर प्रदेश सरकार को भेजी है यह दिखाई नहीं दे रहा है। हमें पेयजल के लिए 10 लाख की आबादी को फिड करने की योजना बनानी चाहिए। ज्ञातव्य है कि गोला नदी का पानी दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है जिसके लिए पर्यावरणीय बदलाव से सूखते जल स्रोत प्रमुख कारण हैं ऐसे में हमें बरसात के पानी को एकत्र कर उसको उपयोग में लाए जाने के लिए बांध बनाने की नितांत आवश्यकता है।

यह भी पढ़ें -  केदारनाथ में 57.64 फीसदी हुआ वोटिंग, पुरूषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा किया मतदान

जमरानी बांध पर किसी प्रकार की राजनीति न करते हुए इसे यथाशीघ्र बनाए जाने की मांग करते हुए जमरानी बांध संघर्ष समिति के एन सी तिवारी, मोहन सिंह बोरा, रामसिंह बसेडा, लक्ष्मण सिंह रजवार, गोविंद बिष्ट, हेमंत पाठक ने मांग की है कि हल्द्वानी पेयजल की व्यवस्था हेतु जमरानी बांध बनाए जाने को एकमात्र विकल्प माना जाना चाहिए और उसका इसका यथाशीघ्र निर्माण किया जाना चाहिए। समिति ने वर्तमान सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट के प्रयासों की सराहना की है।

Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News