उत्तराखण्ड
नैनीताल बलियानाले में भूस्खलन, लोगों ने खौफ के साए में गुजारी रात
देर रात भूस्खलन से हरिनगर फील्ड का बहुत बड़ा हिस्सा हुवा ध्वस्त।
80 के दशक से बलिया नाले में हो रहा है भूस्खलन।
करोड़ों खर्च करने के बाद भी नहीं निकला स्थाई हल।
92 प्रभावित लोगों को दुर्गापुर में कर दिया है विस्थापित।
56 लोगो को घर खाली करने के जारी किया है नोटिस।
नैनीताल। लगातार हो रही बारिश के चलते भूगर्भिक दृष्टि से अति संवेदनशील बलिया नाला क्षेत्र में लगातार हो रहे पानी के रिसाव से फिर खतरा मंडराने लगा है।वही बीते देर रात फिर एक बार हुए भूस्खलन से खतरा बढ़ गया है।
स्थानीय लोगो के अनुसार मंगलवार देर रात बलियानाला क्षेत्र में बड़े-बड़े बोल्डर गिरने की आवाज आई थी, जिसके चलते स्थानीय लोग रात भर डर के साए में जागते रहे भूस्खलन इतना भयंकर था कि बोल्डर गिरने की जोरदार आवाज ने आलूखेत के लोगो तक को नही सोने दिया। जिसके बाद से एक बार फिर स्थानीय लोगो में भय का माहौल बना हुआ है। वही एसडीएम राहुल साह ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र को लोगो को घर खाली करने के नोटिस दे दिए गए है और दुर्गापुर सहित नगर के अन्य क्षेत्रों में उनके रहने की व्यस्था की जा रही है।
अलिका स्थानीय निवासी:-रात में अचानक हुए भूस्खलन के चलते फील्ड का बहुत बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो चुका है बोल्डर गिरने की इतनी तेज कम्पन थी कि हमारे बैड तक हिल गए ऐसा लग रहा था कि मानो भूकम्प आ गया हो। वही डर के चलते लोग रात भर जागते रहे।
रजब अली स्थानीय निवासी:-फील्ड का काफी हिस्सा बीती देर रात ध्वस्त हो चुका है और सरकार शायद इसके पूरे गिरने का इंतजार कर रही है। 10 से 15 हजार आवादी क्षेत्र हरिनगर के लोगो में फिर एक बार खतरा मंडराने लगा है।
आविदा स्थानीय निवासी:- बीते 4 वर्षों से बलिया नाले की कागजों में खूब चर्चा हो रही है, लगातार अलग-अलग विभागों द्वारा सर्वे भी किया जा रहा है, लेकिन धरातल पर कोई भी काम नहीं हो रहा है, प्रशासन लोगों को अपने घर छोड़ने को नोटिस तो दे रहा है लेकिन उनके विस्थापन की कोई व्यवस्था नहीं कर रहा है।
रेखा आर्य सभासद:- जब से बारिश शुरू हुई है तब से अभी तक प्रशासन द्वारा एक बार भी मौके का निरीक्षण नहीं किया इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन बलिया नाले को लेकर कितना अलर्ट है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को दुर्गापुर आदि क्षेत्रों में विस्थापित करने की बात की जा रही है,जबकि वहां भी सुरक्षित नहीं है,और वहां से नैनीताल आने में स्कूली बच्चों व मजदूरी करने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बता दे कि कुछ समय पूर्व आईआईटी रुड़की और जायका द्वारा जियो फिजिकल सर्वे की रिपोर्ट से इस क्षेत्र में लगभग 200 मीटर की लंबाई में पानी का भूमिगत स्रोत है,इन स्रोतों से लगभग 8 एमएलडी पानी निकल रहा है। जो भू धसाव का एक कारण है।
जिसके बाद डीएम ने कहा था कि जीआईसी स्कूल से जीजीआईसी स्कूल के बीच दो से तीन स्थानों पर बोरिंग कर भूमिगत पानी का नगर में पेयजलापूर्ति में उपयोग होने के साथ ही बलियानाले में हो रहे धसाव को रोका जा सकता है।लेकिन इस योजना पर भी अभी तक कोई कार्यवाही नही हो पाई है।