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उत्तराखण्ड

अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन

हल्द्वानी। गुरुवार को बुद्ध पार्क में अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान प्रदर्शन करते हुए कहा की पिछले लगभग 1 सप्ताह से मुखानी थाना क्षेत्र अन्तर्गत एक विशेष समुदाय के लोगों की दुकानें बंद करवाई गई। उन्होंने दुकानें खुलवाए जाने, गिरफ्तार निर्दोष नफीस को तत्काल रिहा किए जाने तथा अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दिए जाने के मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि विगत दिनों क्षेत्र के कमलुवा गांजा गांव में अल्पसंख्यक समाज के एक व्यक्ति को जानवर के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किया गया व्यक्ति अपनी बकाया धनराशि का भुगतान लेने के लिए गया हुआ था। भुगतान लेने गए व्यक्ति सताधारी सरकार से वरद हस्त प्राप्त असामाजिक तत्वों द्वारा उसे मारा पीटा गया और उसके बाल काटकर वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी किए गए। इतना ही नहीं असामाजिक तत्वों द्वारा द्वारा अल्पसंख्यकों की दुकानें भी जबरन बंद करा दी गई। अब उन्हें दुकानें खाली कर गांव छोड़ने की धमकी दी जा रही है। इस कारण अल्पसंख्यक समाज में दहशत का माहौल है। यह भी कहा गया है की
पुलिस ने बगैर जांच किए निर्दोष व्यक्ति को जेल में बंद किया हुआ है। कमलुवा गांजा में कानून व्यवस्था बिल्कुल खत्म हो चुकी है तथा असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिए ज्ञापन में कहा है देश के संविधान का अनुच्छेद 19 देश के सभी नागरिकों को किसी भी क्षेत्र में रहने, बसने एवं व्यापार करने का अधिकार देता है। परंतु कमलुवागांजा में संवैधानिक मूल्यों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेशित किया है कि हेट स्पीच के लिए जिम्मेदार लोगों पर पुलिस स्वतः संज्ञान लेकर कारवाई करें।

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कमलुवा गांजा में खराब हो रही कानून व्यवस्था की घटना से उत्तराखंड का नागरिक समाज बेहद चिंतित है। उन्होंने मांग करते हुए कहा निर्दोष गिरफ्तार नसीम को तत्काल रिहा किया जाए तथा उसके साथ मारपीट करने, सिर मुंडने एवं दुकानें बंद कर अराजकता फैलाने वालों को नामजद कर उनके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ज्ञापन पर तत्काल कार्रवाई न किए जाने पर सभी नागरिक समाज एवं संगठनों के लोग 2 जुलाई को बुद्ध पार्क में फिर से धरना प्रदर्शन एवं सम्मेलन करने के लिए बाध्य होंगे। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी पुलि प्रशासन की होगी।

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