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उत्तराखण्ड

ढीली व्यवस्था: बाबा नहीं कह गये जाम में फंसोगे,पहाड़ जाना है,तो कैसे करोगे कैंची पार..

नैनीताल जिले के अन्तर्गत कैंचीधाम में लगने वाले मेले में हर साल 15 जून को बाबा नीम करोली महाराज के लाखों भक्त दर्शन करने यहां पहुंचते हैं। भक्तजन समय पर अपनी सुविधानुसार पहुंचने के लिए अपने वाहनों से यहां आते हैं, लेकिन उन्हें घंटों तक जाम में फंसा रहना पड़ता है। एक भक्त ने कहा बहुत ढीली प्रशासनिक व्यवस्थायें है। लोग भूखे प्यासे घंटों जाम में फंस रहे हैं। बाबा ने कभी नही कहा जाम में फंसने आओगे। यह तो प्रशासनिक व्यवस्थायें हैं। पहले से दुरुस्त होनी चाहिए। यही नही इससे पूरे पहाड़ का रूटीन यातायात भी प्रभावित हुआ है।

अगर आपको छुट्टी बिताने अपने घर पहाड़ की ओर जाना है, तो मान के चलिए घंटों जाम की फजीहत झेलनी ही होगी।
आपको बता दें 15 जून को कैंची धाम में बाबा नीम करौली महाराज के लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं। ऐसे में अभी से काठगोदाम से लेकर खैरना तक लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है। पहाड़ का रूटीन ट्रैफिक काफी प्रभावित हुआ है। बाईपास न होने की वजह से भवाली में भी बहुत अधिक समस्या उत्पन्न हो रही है। ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए पुलिस के पास व्यापक इंतजाम नहीं हैं। एक तरफ पर्यटक जाम में फंस रहे हैं वहीं रूटीन यात्रा करने वाले पहाड़ के लोगों को भी भारी दिक्कतें आ रही हैं। कहने को रामगढ़- मोना-लवेशाल होते हुए बाय पास वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की गई है। परंतु वहां भी स्थिति ठीक नहीं है। प्रशासन को चाहिए कि इस जाम से निजात पाने के लिए भवाली बाईपास मार्ग को जल्द शुरु किया जाए या फिर पर्याप्त पार्किग व्यवस्था सही से की जाए। अन्यथा पर्वतीय मार्गों को आने-जाने वाले ट्रैफिक को पहले प्राथमिकता दी जानी चाहिए। जाम के कारण तमाम लोगों की शाम की ट्रेन छूट जा रही है, कईयों को बाहर हवाई यात्राएं करनी होती है। उन्हें भी समय पर दिल्ली पहुंचना होता है वह लोग भी इस जाम के कारण अपना निश्चित समय गवा रहे हैं। हल्द्वानी से अल्मोड़ा पहुंचने में कम से कम 6-7 घंटे का सफर लोगों को करना पड़ रहा है। जबकि दो ढाई 3 घंटे के अंदर अल्मोड़ा का सफर रहता है। प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं लेगा तो यह मेले के बाद भी कई दिनों तक दिक्कतें पैदा करेगा। दूसरा सबसे महत्वपूर्ण यह है कि गरमपानी के पास जहां पहले से ही सड़क अवरुद्ध हुई है वह अभी तक 1 साल बीतने पर भी नहीं बनी, वह भी जाम का सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है।

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