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उत्तराखण्ड

लंपी वायरस के संक्रमण से हजारों पशुओं को जान का खतरा

बेरीनाग। यहां लैंपी वायरस के संक्रमण से पशुओं के जान पर आ पड़ी है। उपचार के अभाव में सैकड़ों पशुओं की मृत्य हो चुकी है। गौरतलब है तहसील मुख्यालय में पशु अस्तपाल तक बात क्यू नही पहुंच रही है और न ही प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई सख्त कदम उठाया जा रहा है। पशुपालक परेशान है।

लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि और पशुपालन है उसके बाद भी इन बेजुवानो की जान की सुध लेना वाला कोई नहीं है। सैकड़ों पशु लंपि वायरस के शिकार होते जा रहे है। पशुपालक और किसान की चिंताएं बदती जा रही है। सामाजिक सरोकारों से संबंध रखने वाले व शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत खेती गांव के प्रेम प्रकाश उपाध्याय ने उपजिलाधिकारी बेरीनाग को पत्र लिखकर लैंपी वायरस के संक्रमण को तुरंत रोकथाम हेतु प्रभावी कदम उठाने की मांग की है। जिससे सभी गांवों के पशुओं की जान बचाई जा सकें।

व्यक्तिगत अनुरोध पर पशु अस्पताल में कार्यरत श्री हरी लाल को आकस्मिक उपचार के लिए गांव में बुलाना पड़ रहा है। जबकि विभाग के और से तुरंत गांवों में इस संक्रमण को रोकने की पहल करनी चाहिए।खेती,मंतोली, काहकोट,भंडारी गांव,गुरेना, व्याति,धारी, कालसिंधार इत्यादि गांवों में बेजुवानों में इस वायरस का असर ज्यादा दिखाई दे रहा है।

तकरीब हजारों किसान परिवार के पशु इस बीमारी से ग्रस्त है। अपनी समस्याओं को रखने वालों में ललित मोहन उपाध्याय,कविता उपाध्याय,शांति देवी महर,देवकी उपाध्याय,भारत दोबाल,भगवान सिंह महर,मदन महर प्रमुख रूप से थे।

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