उत्तराखण्ड
झूठी निकली दुष्कर्म की शिकायत, इंस्टाग्राम पर युवक से दोस्ती कर पैसों के लिए लगाया आरोप; युवती समेत 2 गिरफ्तार
इंस्टाग्राम पर युवक से दोस्ती करने के बाद दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाकर 20 लाख रुपये की मांग करने के मामले में पुलिस ने युवती सहित दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पड़ताल और पूछताछ में सामने आया है कि आरोपित मिलकर गैंग चला रहे थे, जिसमें इंस्टाग्राम पर भोले-भाले लड़कों को दोस्ती के नाम पर फंसाकर वसूली की जाती थी। पुलिस अब रुड़की के एक अधिवक्ता सहित अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी है।
पुलिस के मुताबिक, करीब तीन महीने पहले खानपुर थाना क्षेत्र के माजरी गांव निवासी एक युवक के इंस्टाग्राम पर महक शर्मा अल्वी के नाम से एक युवती की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। दोनों के बीच दोस्ती होने के बाद कुछ दिन बातचीत हुई। फिर एक दिन युवती ने अचानक ही युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए मंगलौर कोतवाली में शिकायत दी। इसके बाद युवक और उसके परिवार को ब्लैकमेल कर 20 लाख रुपये मांगे गए।
परिजनों ने पुलिस से लगाई न्याय की गुहार
युवक के स्वजन ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई थी, जिसके बाद पुलिस ने माजरी, खानपुर हरिद्वार निवासी अनंगपाल की तहरीर पर आरोपित इलमा निवासी शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश, अधिवक्ता वीरेंद्र धीमान निवासी गणेशपुर रुड़की, राशिद और वाजिद उर्फ पाटी निवासीगण रामपुर रुड़की के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
तत्कालीन थानाध्यक्ष ने गैंग की खंगाली कुंडली
एएसपी लक्सर मनोज ठाकुर के निर्देशन में तत्कालीन थानाध्यक्ष मनोहर सिंह भंडारी ने गैंग की कुंडली खंगाली। पिछले दिनों वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने ब्लैकमेलिंग जैसे मामलों में प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए। जिस पर खानपुर थानाध्यक्ष विनोद थपलियाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने इस मामले की तेजी से पड़ताल करते हुए आरोपित इलमा निवासी शाहजहांपुर और वाजिद उर्फ पाटी निवासी रामपुर रुड़की को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपितों ने स्वीकार किया कि वह फेसबुक और इंस्टाग्राम आदि इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर युवाओं को दोस्ती के जाल में फंसाने के बाद उन पर झूठे आरोप लगाकर ब्लैकमेल करता है और रकम ऐंठते थे। कोर्ट में पेश कर दोनों को जेल भेज दिया गया है। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने गैंग का भंडाफोड़ करने पर पुलिस टीम को शाबाशी दी है।
दबाव बनाने को दर्ज कराया झूठा मुकदमा
आरोपित शुरुआत से ही युवक व उसके चचेरे भाई के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का दबाव बनाते रहे लेकिन, दाल में काला नजर आने पर पुलिस मामले की गहराई तक गई। यहां तक आरोपितों ने किसान यूनियन के अलग-अलग गुटों के कार्यकर्ताओं को मंगलौर कोतवाली भेजकर पुलिस पर भी दबाव बनाने का प्रयास किया। इसके बावजूद पुलिस दबाव नहीं आई। शुरुआती छानबीन में आरोपितों की संदिग्ध गतिविधियां सामने आई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एएसपी लक्सर मनोज कुमार ठाकुर ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए हर पहलू पर छानबीन कराई। एक टीम ने युवती के घर शाहजहांपुर उत्तरप्रदेश जाकर भी छानबीन की। अधिवक्ता के बारे में भी जानकारी जुटाई। तब उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। मगर आरोपित यहीं नहीं रुके, उन्होंने फिर भी कोर्ट के आदेश पर युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। हालांकि, पुलिस ने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी।
दांव पर लगा था युवकों का भविष्य
पुलिस यदि युवती के आरोपों पर विश्वास कर लेती या फिर राजनीतिक व किसान यूनियन के दबाव में आ जाती तो निर्दोष होने के बावजूद चचेरे भाइयों के जेल जाने से उनका भविष्य खराब हो जाता। मगर पुलिस ने मामले को बेहद संवेदनशीलता से लिया और दूध का दूध पानी का पानी कर दिखाया। पुलिस टीम में एसओ खानपुर विनोद थपलियाल, उपनिरीक्षक रविंद्र जोशी, महिला उपनिरीक्षक कल्पना शर्मा, कांस्टेबल अरविंद रावत, सतेंद्र नेगी व सुधीर कुमार शामिल रहे।