उत्तराखण्ड
जिले के मोस्टा चुका में खनन नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां, पट्टाधारक हुए बेखौफ़
चम्पावत – जिले के मोस्टा (चुका) क्षेत्र में खनन विभाग द्वारा जारी खनन पट्टों में पोकलैंड मशीन से नदी का सीना चीर खनन नियमों का उड़ाया जा रहा मजाक, खनन विभाग व प्रशासन पूरी तरह सोया हुआ नज़र आ रहा है ।
बता दें चंपावत जिले के मोस्टा (चुका) क्षेत्र में खनन विभाग द्वारा जारी किए गए खनन पट्टों में खनन नियमों का खनन पट्टाधारियों द्वारा सरेआम मखौल उड़ाया जा रहा है।इस खनन पट्टों में दिन दहाड़े पोकलैंड मशीन से नदी का सीना चीर,बोल्डर,रेता बजरी निकाला जा रहा है।जबकि खनन पट्टों के नियम के हिसाब से यह खनन मैन्युअल ही हो सकता है। लेकिन सीएम धामी की विधानसभा होने के बावजूद भी खनन पट्टा धारक इतने बेखौफ हो चुके है की उन्हे किसी भी तरह से विभागीय कार्यवाही का खौफ नही है। खनन क्षेत्र में पोकलैंड के माध्यम से खनन कर खनन नियमावली व एनजीटी के नियमो का मजाक बनाया जा रहा है।लेकिन खनन विभाग व जिला प्रशासन द्वारा उक्त मामले में अभी तक कोई कार्यवाही अमल में नहीं लायी गयी है। आखिर खनन पट्टाधारी किसकी सरपरस्ती पर बेखौफ़ बने हुए हैं यह एक सोचने वाली बात है ।
पूरे प्रदेश में अवैध खनन सहित खनन नियमों के उल्लंघन की तमाम खबरें जहां आए दिन सामने आती रहती है।वही अगर खनन से जुड़े लोगो द्वारा खनन नियमों के मखौल प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी की विधानसभा में उड़ाया जाय तो यह विषय और गंभीर हो जाता है।ताजा मामला सीएम धामी की विधानसभा चम्पावत के मोस्टा क्षेत्र में खनन विभाग द्वारा जारी खनन पट्टों का है।जो की चुका से दो से ढाई किलोमीटर आगे नदी क्षेत्र में पड़ता है। जहां पर खनन पट्टा धारकों द्वारा खनन नियमावली का दिन दहाड़े मखौल उड़ाया जा रहा है। खनन क्षेत्र में बोल्डर,रेता बजरी सहित खनन सामग्री को पोकलैंड मशीन से नदी का सीना चीर सरेआम किया जा रहा है।जबकि खनन पट्टा नियमावली के हिसाब से नदी क्षेत्र में खनन सिर्फ मैन्युअल ही हो सकता है। लेकिन खनन पट्टा धारक लोग इतने बेखौफ है की सरेआम पोकलैंड मशीन से खनन को अंजाम दे रहे है।जबकि खनन विभाग व जिला प्रशासन खनन नियमों के सरेआम उलंघन होने के बावजूद भी सोया हुआ नजर आ रहा है।
पर्वत प्रेरणा दैनिक समाचार संवाददाता विनोद पाल ने मोस्टा खनन पट्टा क्षेत्र में ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर खनन नियमों के उलंघन करते पट्टा धारकों की उन तस्वीरों को कैद किया है। जो इस क्षेत्र में विभागीय उदासीनता को भी दर्शा रहा है,की किस तरह खनन विभाग द्वारा जारी खनन पट्टों में खनन नियमावली का सरेआम मखौल उड़ रहा है,लेकिन खनन विभाग उदासीन बना हुआ है।
एनजीटी व खनन नियमों का उलंघन चम्पावत जिले के मोस्टा खनन क्षेत्र में निर्माणाधीन पुल चुका से जो दो से ढाई किलोमीटर आगे नदी क्षेत्र में पड़ता है खनन विभाग द्वारा जारी खनन पट्टों पर किया जा रहा है।वही चम्पावत जिले की खनन अधिकारी चित्रा जोशी ने बताया की खनन नियमों के उलंघन किए जाने की शिकायत उन्हे मिली है।उनके द्वारा टीम भेजी गई है।बाकी नियमो के उलंघन होने पर खनन विभाग व प्रशासन द्वारा संयुक्त छापेमार कार्यवाही भी कर नियम विरुद्ध खनन पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।खनन अधिकारी जोशी ने विभागीय कार्मिकों की कमी की बात कह जनपद के विभिन्न इलाको में त्वरित कार्यवाही ना कर पाने की मजबूरी की बात कही।
फिलहाल सीएम की विधानसभा क्षेत्र में ही खनन नियमों का मखौल सरेआम उड़ा खनन पट्टाधारक राज्य सरकार की स्वच्छ प्रशासन की अवधारणा को खराब करने का भी कुसंगित प्रयास कर रहे है। खनन पट्टाधारक आधा दर्जन के करीब टनकपुर क्षेत्र के ही बताए जा रहे है। जो बेखौफ हो खनन नियमों का मखौल उड़ा रहे है।खनन क्षेत्र में एनजीटी के नियमो का जिस तरह मजाक बनाया जा रहा है उसे देख खनन पट्टाधारकों की विभागीय व प्रशासनिक मिलीभगत से इंकार नही किया जा सकता।अब बड़ा सवाल यह उठता है बेखौफ हो चुके चुका खनन पट्टा धारकों को खनन नियमावली के हिसाब से खनन करवाने व खनन नियमों के मखौल पर उन पर कड़ी कार्यवाही कर राज्य सरकार के स्वच्छ प्रशासन के दावों की हकीकत को धरातल पर उतार कड़ी कार्यवाही आखिर खनन विभाग व जिला प्रशासन कब करता है।यह देखने वाली बात होगी।
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