उत्तराखण्ड
नौला- मानिला देवी पम्पिंग पेयजल योजना ठप, जनता में मची हाहाकार
भिकियासैंण उत्तराखंड क्रान्ति दल के वरिष्ठ नेता तुला सिंह तड़ियाल ने जारी बयान में कहा कि, मानिला देवी पम्पिंग पेयजल योजना पिछले एक माह से ठप्प पड़ी है गर्मियों के इस सीजन में पानी के लिए लोगों में हा हाकार मची है। परन्तु विभाग के अधिकारियों को इससे कोई लेना देना नहीं है। जनता के संघर्ष से बनी इस पेयजल योजना का आज हाल यह है कि, इसके दूसरे स्टेज डोब नामक स्थान पर बने पम्प हाउस में चार पम्पों के स्थान पर केवल एक पम्प काम कर रहा है। अन्य सभी पम्प फुक चुके हैं 24 घंटे पम्पिंग होने से इस पम्प के भी फुंकने के आसार बने हुए हैं। इस क्षेत्र के सभी जल श्रोत पूरी तरह सूख जाने की वजह से यहाँ पर चार पम्पों के अतिरिक्त एक रिजर्व पम्प की व्यवस्था की गई थी। जिससे किसी पम्प के फुंकने पर तत्काल उपयोग में लाया जा सके परन्तु विभाग के अधिकारियों ने बेहद गोपनीय तरीके से उस पम्प को यहाँ से अन्यत्र ले जाया गया । उन्होंने आरोप लगाया की विभाग के लिए यह योजना दुधारू गाय सावित हो रही है विगत वर्षो से इस योजना के रामगंगा नदी पर बने इनटेक में चोक हो जाने से विभाग ने चोक को खोलने की जरूरत नही समझी कई सालों तक जनता को नदी का गन्दा पानी पिलाया गया ।मजबूरन जनता को एक अलग इनटेक बनाने की मांग करनी पड़ी जिस पर करोड़ों रुपये बेवजह बरबाद किए गए।
ज्ञातव्य है पुराने इनटेक को नदी के बहते पानी के बजाय भूतल जल श्रोत से जोड़ा गया था, आज सरकार ने इस बेहद संवेदनशील योजना का संचालन एक ठेकेदार के भरोसे छोड़ दिया गया है तड़ियाल ने कहा कि आज इस योजना का पुनर्गठन होने जा रहा है नये जलाशय की क्षमता पुराने टैंक के एक चौथाई के बराबर भी नहीं है।यहाँ आये दिन विद्युत आपूर्ति बाधित रहती है ऐसे में करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी पानी की समस्या जस की तस बने रहने के आसार हैं उन्होंने आगे कहा आज योजनाएं जनता की सुविधाओं के बजाय बड़े बड़े राजनेताओं व नौकरशाहों की जेबें भरने के लिए बनाई जा रही हैं। उन्होंने मांग की है कि पुरानी पेयजल योजना को कदापि डिसमैंटल न किया जाय इससे बदस्तूर जारी रखा जाय और पुराने इनटेक की चोक को खोलकर दोनों इनटेक से पम्पिंग कर क्षेत्र में बराबर जलापूर्ति की जाय। उन्होंने आगे कहा अतिशीघ्र खराब पड़े पम्पों की मरम्मत कर क्षेत्र में जलापूर्ति की जाय अन्यथा क्षेत्रीय जनता को जन आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पडे़गा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन व विभाग की होगी।