उत्तराखण्ड
हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से कोटाबाग तक ड्रोन के माध्यम से पहुंचाई गई दवाइयां और ब्लड, स्वास्थ्य सेवाओं में नया प्रयोग
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। हल्द्वानी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज से नैनीताल जिले के कोटाबाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक ड्रोन के माध्यम से दवाइयां और रक्त भेजा गया। यह प्रयास स्वास्थ्य सेवाओं को तेज़ और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से किया गया है, खासकर कुमाऊं मंडल के दूरदराज और मुश्किल इलाकों में।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि यह एक ट्रायल के तौर पर किया गया था, जिसमें ड्रोन ने केवल 29 मिनट में 35 किलोमीटर की दूरी तय की और जीवन रक्षक दवाइयां को कोटाबाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया। ड्रोन तकनीक की मदद से 5 किलोग्राम तक की दवाइयां या नमूने 400 फीट की ऊंचाई पर 100 किलोमीटर तक उड़ान भर सकते हैं, जिससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में जीवन बचाने में भी मदद मिलेगी।
इस नई पहल के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. जोशी ने कहा कि ऐसे इलाके जहां मौसम की प्रतिकूलता और भौगोलिक बाधाओं के कारण दवाइयों और स्वास्थ्य सामग्री की आपूर्ति मुश्किल हो जाती है, वहां ड्रोन एक कारगर समाधान साबित हो सकता है। यह ड्रोन की मदद से ना सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं की गति तेज होगी, बल्कि आपदा के समय भी इस तकनीक का उपयोग मरीजों की जान बचाने के लिए किया जा सकेगा।
इसके साथ ही ड्रोन संचालन करने वाली कंपनी के बिजनेस डेवलपमेंट अधिकारी अमन कुमार गौतम ने बताया कि इस योजना के तहत उत्तराखंड सरकार से टाइप किया गया है, ताकि विपरीत परिस्थितियों में भी दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। ड्रोन की क्षमता 5 किलो तक का वजन उठाने की है और यह एक बार में 100 किलोमीटर तक उड़ सकता है। हल्द्वानी में राजकीय मेडिकल कॉलेज में ड्रोन हब स्थापित किया गया है, जो कुमाऊं क्षेत्र के दूरस्थ अस्पतालों और आपातकालीन स्थलों तक दवाइयों की आपूर्ति करेगा।
यह तकनीकी कदम उत्तराखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर इशारा करता है, जो भविष्य में राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और तेज़ बनाने के लिए बेहद प्रभावी साबित हो सकता है।
















