उत्तराखण्ड
भीषण सड़क हादसे में शिक्षिका की दर्दनाक मौत, परिवार के पांच अन्य सदस्य गंभीर रूप से घायल
पिथौरागढ़ की एक शिक्षिका अपने भाई के निधन पर पति और अन्य परिजनों के साथ मुरादाबाद जा रही थीं, जब उनकी स्कॉर्पियो शंकरफार्म के पास एक भीषण दुर्घटना का शिकार हो गई। वाहन अनियंत्रित होकर पहले एक पीपल के पेड़ से टकराया और फिर उछलकर नहर में जा गिरा, जिससे गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। इस हादसे में शिक्षिका की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि वाहन में सवार पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों और पुलिस की तत्परता से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें हल्द्वानी रेफर कर दिया गया।
पिथौरागढ़ के धनौड़ा निवासी 40 वर्षीय बबीता अपने पति विजेंद्र पटियाल और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ शुक्रवार तड़के स्कॉर्पियो से मुरादाबाद के लिए निकली थीं। वाहन विजेंद्र चला रहे थे, लेकिन सुबह करीब साढ़े नौ बजे किच्छा के शंकरफार्म क्षेत्र में यह हादसा हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्कॉर्पियो 150 फीट तक उछलती हुई पहले पेड़ से टकराई और फिर नहर में जा गिरी। तेज धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे और तत्काल बचाव कार्य शुरू किया।
स्थानीय युवकों ने अपनी जान की परवाह किए बिना क्षतिग्रस्त वाहन के दरवाजे तोड़े और घायलों को बाहर निकाला। जब वे नहर में उतरे, तो उन्होंने देखा कि बबीता पानी में बह रही थीं। उन्हें तुरंत बाहर निकाला गया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे में विजेंद्र समेत अशोक शाह, भुवन चंद्र, उनकी पत्नी चंद्रकला और मोहन चौसारी गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही विधायक तिलक राज बेहड़ घटनास्थल पर पहुंचे और इस हृदयविदारक हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने घायलों को बचाने में मदद करने वाले युवाओं की सराहना करते हुए कहा कि यदि यह दुर्घटना रात में हुई होती, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती थी।
हादसे के पीछे का कारण संभवतः चालक को झपकी आना बताया जा रहा है। वाहन की रफ्तार कितनी तेज थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टक्कर के दौरान कार के दोनों एयरबैग खुल गए थे। घटनास्थल पर वाहन के टुकड़े चारों ओर बिखरे पड़े थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, विजेंद्र पिथौरागढ़ के एक निजी विद्यालय में अकाउंट का कार्य करते हैं, जबकि बबीता उसी विद्यालय में शिक्षिका थीं।
















