कुमाऊँ
शिक्षकों के बम्पर तबादलों पर पंचायत प्रतिनिधि भड़के
पिथौरागढ़। चीन तथा नेपाल सीमा क्षेत्र में बसे मुनस्यारी तथा धारचूला तहसील से शिक्षकों के बम्पर तबादलों पर पंचायत प्रतिनिधि भड़क गए। जिला अधिकारी डां आशीष चौहान के बिना प्रतिस्थानी के कार्यमुक्त नहीं किए जाने के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। शिक्षा विभाग के अफसरों पर सीमांत के स्कूलों पर ज़ुल्म करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
अनिवार्य तथा अनुरोध के आधार पर सीमांत से शिक्षकों के बम्पर तबादलों के बीच जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने डीएम डां आशीष चौहान को शासनादेश का हवाला देते हुए बिना प्रतिस्थानी के शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं किए जाने का अनुरोध किया था।
जिला अधिकारी द्वारा 27 जून को मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर इस मंशा के आधार कार्यवाही करने पत्र जारी किया। इस पत्र पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। दोनों विकास खंडों के खंड शिक्षा अधिकारियों तक पत्र नहीं पहुंचा है। जबकि पत्र की प्रतिलिपि कार्यमुक्त अधिकारी प्रधानाचार्य तक पहुंच जाना चाहिए था।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि शिक्षा विभाग डीएम के आदेश को फाइलों में दबाकर दनादन स्थानांतरित शिक्षकों को कार्यमुक्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि सीमांत के स्कूलों में ताला लगने की स्थिति पैदा हो गई है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों के पास अब आंदोलन के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि चीन सीमा के स्कूलों को आप शिक्षकों से विहीन बना देंगे तो सीमा के गांवों में कौन रहेगा। मर्तोलिया ने कहा कि शिक्षक कैसे भी स्थानांतरण करके लाया है, हम नहीं जानते, हमें शिक्षक के बदले शिक्षक चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक संगठनों को सरकारी शिक्षा को बचाने के लिए भी कभी मुंह खोलना चाहिए।
तबादला एक्ट में मुनस्यारी विकास खंड में कोई भी विद्यालय सुमग में नहीं
मुनस्यारी।
भुवन चंद्र खंडूरी सरकार के अनिवार्य तबादला एक्ट में मुनस्यारी विकास खंड में कोई भी विद्यालय सुमग में नहीं है। इसका फायदा कम नुकसान अधिक सीमांत की जनता उठा रही है।
जिपंस जगत मर्तोलिया ने बताया कि मुनस्यारी में ही सेवा देने के इच्छुक प्राथमिक तथा जूनियर के 36 शिक्षकों के अनिवार्य तबादला कर दिया गया है। पहले से मुनस्यारी विकास खंड में प्राथमिक में 68 तथा जूनियर में 58 पद रिक्त चल रहे है।
मर्तोलिया ने बताया कि उत्तराखंड के अन्य विकास खंडों में सुगम तथा दुर्गम दोनों क्षेत्र चिन्हित किया गया है, लेकिन मुनस्यारी को दुर्गम में ही रखा गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के अन्य विकास खंडों में शिक्षक अपने ही विकास खंड में सुगम से दुर्गम एडजस्ट हो रहे है। मुनस्यारी को तो केवल दुर्गम होने का भी नुकसान हो रहा है। 36 शिक्षकों को सुगम में मुनस्यारी छोड़कर दूसरे विकास खंड में जाना अनिवार्य किया गया है।
मर्तोलिया ने कहा कि हर पहलू से सीमांत नुकसान में है। उन्होंने कहा कि सरकार, शिक्षा विभाग, शिक्षक संगठनों ने आंखों में काली पट्टी बांध रखी है। कहा कि सरकारी विद्यालयों को शिक्षक विहीन करने में जानबूझकर इस तरह से षड्यंत्र किया जा रहा है।