उत्तराखण्ड
पंचायत प्रतिनिधियों ने 66 एकड़ भूमि मांगने का किया विरोध
पिथौरागढ़। चीन सीमा क्षेत्र में चार स्थानों में सेना तथा पैरामिलिट्री द्वारा उपयोगी 66 एकड़ भूमि मांगने पर पंचायत प्रतिनिधियों भड़क गए है। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को पत्र लिखकर कृषि तथा बागवानी की जमीन सेना तथा पैरामिलिट्री को जबरन दिए जाने का सीमा क्षेत्र में विरोध करने की चेतावनी दे दी है। कहा कि हम सेना व पैरामिलिट्री का मनोबल बढ़ाने के लिए गैर कृषि एवं बागवानी की की भूमि देने को तैयार है।इसके लिए सेना, पैरामिलिट्री तथा प्रशासन के साथ त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर शंका का समाधान किया जाय।
भारत – चीन सीमा पर चीन की ओर से लगातार बढ़ रही गतिविधियों को देते हुए भारतीय सेना ने मुनस्यारी से लगी चीन सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के लिए 66 एकड़ भूमि की मांग का प्रस्ताव रखा है। इस बात की भनक लगते ही जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज जिला अधिकारी पिथौरागढ़ को पत्र लिखकर सीमा क्षेत्र के लोगों की मंशा से अवगत करा दिया है। प्रशासन ने पत्र मिलने के बाद भूमि खोजने का काम शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि इस सीमा पर भारतीय सेना अपनी चौकसी को और अधिक मजबूत करने वाली है।
पिथौरागढ़ जनपद के तहसील मुनस्यारी के अंतर्गत लगने वाली चीन सीमा पर भारतीय सेना अब अपनी स्थिति और अधिक मजबूत करने वाली है।
लंबे समय से चीन की ओर से इन सीमाओं पर लगातार अपनी गतिविधियां बढ़ाई जा रही है। इस बीच कुमाऊं स्काउट धारचूला के स्टेशन स्टाफ ऑफिसर द्वारा 14 अगस्त 2021 को एक पत्र उप जिलाधिकारी मुनस्यारी को दिया गया है।इस पत्र में भारतीय सेना के लिए मुनस्यारी में 20 एकड़, खालिया टॉप मुनस्यारी में 20 एकड़, बुगडियार में 20 एकड़, रिलकोट में 5 एकड़, मिलम में 15 एकड़, दुंग 6 एकड़ जमीन की मांग का प्रस्ताव दिया गया है।
भारतीय सेना के इस पत्र से अनुमान लगाया जा रहा है सीमा क्षेत्र में अपनी छावनी या तथा चौकियों को विकसित करना चाह रही है ।अभी तक यह सीमा भारत तिब्बत सीमा पुलिस की की जिम्मेदारी में है ।सीमा क्षेत्र में भारतीय सेना का आना जाना लगा रहता है। चीन सीमा पर हुई घटना के बाद यहां भारतीय सेना की आवाजाही बढ़ गई थी।
मुनस्यारी की बलाती फार्म में भारतीय सेना के द्वारा अस्थाई पोस्ट का निर्माण भी किया गया है। इसको लेकर भी सीमांत क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति जताई है। पेयजल आपूर्ति के स्रोतों में शौचालय निर्माण कर दिया गया है।
मर्तोलिया ने कहा कि इस तरह की सेना तथा पैरामिलिट्री की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि सेना तथा पैरामिलिट्री के साथ जनता का विरोध न बढ़े इसके लिए स्थानीय प्रशासन को बातचीत का रास्ता निकाल कर हर प्रकार के शंका का समाधान निकालना चाहिए।