कुमाऊँ
श्रद्धांजलि, शत शत नमन
शत शत नमन,
आप जहां भी हों, आपको शरीर छोड़े 17 साल पूरे हो गए हैं, सरल स्वभाव, न कभी किसी से बैर न कभी किसी का बुरा चाहने वाले मेरे पिताश्री आपको हम शत शत नमन करते हैं, आप स्वर्ग में हैं, भगवान आपकी आत्मा को सदैव अपने चरणों में स्थान देवे। संसार का नियम है यह शरीर सभी ने एक दिन छोड़ कर जाना ही है। आप सभी पितृ मेरे बढ़े, छोटे ताऊजी, बढ़ी छोटी दोनों ताईजी दोनों चाचा समेत परिवार के सभी पितृदेवों को शतशत नमन।
हमारे पूर्वज, पितर हमारी धरोहर हैं, कभी आपने मुझे अपनी गोद में बैठाया होगा,प्यार से कंधे पर लगाया होगा, आप यूं ही सहलाते चले गए। अब हम सिर्फ स्मरण ही कर सकते हैं। धन्य हैं आप सभी, धन्य थे वह दिन, समय, जब आप सभी ने गरीब जीवन जीने पर भी हमें आगे बढ़ाया। आपकी आत्मा सदा सुखी रहे।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः














 



 
																						

 
									




 
									 
																							






 
						 
						