उत्तराखण्ड
बवासीर,पाइल्स से न हों परेशान हमारे पास है समाधान:डॉ चंदोला
हल्द्वानी।अनियमित खान-पान से लेकर अनेक कारणों के चलते आजकल अधिकांश लोग बवासीर, पाइल्स की बीमारी से परेशान हैं। कुमाऊं मंडल में पाइल्स के मरीजों के संख्या अधिक देखने में आ रही है। पाइल्स और लीवर आंतों के हजारों बीमारियों का ईलाज कर चुके डॉ उमेश चंदोला ने कहा कि इस गम्भीर बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। उनसे सलाह लेकर उपचार करा सकते हैं। डॉ चंदोला श्रीकृष्णा लीवर आतँ एवं पाइल्स के विशेषज्ञ हैं।
आइये जानते हैं इसके लक्षण, और उपचार के बारे में
डॉ चंदोला के अनुसार बवासीर यानि पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें एनस के अंदर व बाहरी हिस्से की शिकाओ में सूजन आ जाती है। इसकी वजह से गुदा के अंदरूनी हिस्से में या बाहर के हिस्से में कुछ मस्से बन जाते हैं जिसमें से कई बार खून निकलने लगता है। दर्द भी होता है कई बार शौच के समय मस्से बाहर भी निकल आते हैं।उन्होंने बताया आज के समय यह बीमारी लगभग पचास फीसदी लोगों में है। लेकिन जानकारी के अभाव में अथवा हिचकिचाने के कारण भी लोग इसका सही से इलाज नहीं करा पाते हैं। जिसका कभी-कभी उन्हें बड़ा खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। विशेषज्ञों द्वारा गुदा को चार भागों में विभाजित किया गया है। ग्रेड -1, 2 यह शुरुआती स्टेज होती है। इसमें कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। कई बार मरीज को पता भी नहीं चलता है कि उसे पाइल्स भी है।
ग्रेड-2,4 यह स्थिति थोड़ी गंभीर हो जाती है इसमें मस्से बाहर निकल आते हैं।
एलोपैथी,लेजर सर्जरी स्टेज तीन और चार के पाइल्स मरीजों के लिये इस तरीके का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया के तहत बाहर निकले मस्से को सर्जिकल स्टेपल के जरिये अंदर की ओर भेज दिया जाता है। 2,3 अथवा 4 स्टेज पाइल्स मरीज के लिए आयुर्वेद में क्षारसूत्र चिकित्सा की जाती है। इसमें एक धागे का प्रयोग किया जाता है। कुछ आयुर्वेद दवाओं का इस्तेमाल कर डॉक्टर इस धागे को बनाते हैं। चिकित्सक एक यंत्र के जरिये इसे देखते हैं और मेडीकेटेड धागे से मस्से बांध देते हैं।इसके अलावा होम्योपैथिक दवा को इंजेक्शन के द्वारा मस्सों में इंजेक्ट किया जाता है। जो मस्सों को समाप्त कर देता है। मरीज ठीक हो जाता है।
डॉ चंदोला के मुताबिक लगभग स्तर प्रतिशत लोगों को पाइल्स की समस्या रहती है। इसलिए खानपान सही रखें, मीट मांस, शराब इत्यादि भी पाइल्स की बीमारी को बड़ा देता है। पानी अधिक से अधिक पीना चाहिए। खाने में सलाद का सेवन अधिक करना चाहिए।