उत्तराखण्ड
उत्तराखंड के इस गांव को पीएनबी ने लिया गोद
चम्पावत। इंडियन आइडल सीजन-12 की शुरुआत में किसने सोचा था कि पहाड़ के छोटे से गांव से निकला ये होनहार एक दिन सुरों की दुनिया का नया सितारा बन जाएगा। अब पवनदीप राजन इंडियन आइडल का खिताब अपने नाम कर चुके हैं और कहीं न कहीं उनके बहाने उत्तराखंड और उनके छोटे से गांव को बड़ी पहचान भी मिली है। चंपावत के चौकी गांव के रहने वाले पवनदीप राजन ने इंडियन आइडल की ट्रॉफी जीतकर अपना ही नहीं, बल्कि अपने गांव का भी भला किया है। उनकी उपलब्धि की बदौलत चौकी गांव सुर्खियों में है।
यही नहीं पंजाब नेशनल बैंक ने इस गांव को गोद लेने का ऐलान किया है। इस तरह पवनदीप राजन ने इंडियन आइडल का खिताब हासिल कर अपने गांव के लिए तरक्की के नए दरवाजे खोल दिए हैं।बीते दिन पंजाब नेशनल बैंक की कुमाऊं मंडल की प्रबंधक सरिता सिंह ने गांव पहुंचकर चौकी गांव को गोद लेने का ऐलान किया। पवनदीप राजन का परिवार इसी गांव में रहता है।
बैंक की मंडलीय प्रबंधक सरिता सिंह ने कहा कि गांव का वित्तीय समावेशन और आसानी से ऋण देने के साथ कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत यहां के आधारभूत ढांचे में सुधार किया जाएगा। मंडलीय प्रबंधक ने पवनदीप के पिता लोकगायक सुरेश राजन और मां सरस्वती देवी से भी मुलाकात की। साथ ही उनसे क्षेत्र में सांस्कृतिक प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने में सहयोग मांगा।
इंडियन आइडल का खिताब जीतने वाले पवनदीप राजन सीजन की शुरुआत से ही दर्शकों के चहेते बने रहे। जजों ने भी उनके हुनर को खूब सराहा। महज तीन साल की उम्र से संगीत साधना कर रहे पवनदीप गायिकी के हुनर के अलावा कई वाद्ययंत्र भी कुशलता से बजा लेते हैं। लोकसंगीत की समृद्ध विरासत उन्हें अपने परिवार से मिली। साल 2015 में वो एक और म्यूजिक रिएलिटी शो ‘द वॉयस इंडिया’ भी जीत चुके हैं। इंडियन आइडल-12 का खिताब जीतने के बाद पवनदीप अपने गांव में संगीत कॉलेज खोलना चाहते हैं, ताकि क्षेत्रीय प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिल सके।