उत्तराखण्ड
पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी प्रथम का सैद्धान्तिक और व्यवहारिक प्रशिक्षण तीसरे दिन भी जारी
चंपावत। ई.वी.एम. तथा विभिन्न प्रपत्रों और सामग्री जो निर्वाचन के दौरान प्रयोग की जाएगी, इस संबंध में पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी प्रथम को जानकारी प्रदान की गई। इस दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट और जोनल मजिस्ट्रेट सहित मतदान अधिकारी शामिल रहे। मतपत्र लेखा, मॉक पोल, मतदान पूर्व तैयारी, मतदान के दिन की तैयारी, मतदान के पश्चात की जाने वाली कार्यवाही के साथ संग्रह केंद्र मे जमा की जाने वाली सामग्रियों का विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्य विकास अधिकारी/नोडल अधिकारी राजेन्द्र सिंह रावत ने बताया गया कि मतदान के दिन वास्तविक मतदान से पूर्व अभिकर्ताओं की उपस्थिति मे अनिवार्य रूप से मॉक पोल कराया जाएगा।
मतदान कार्मिको को अपने मताधिकार का प्रयोग करने हेतु पोस्टल बैलट की जानकारी भी दी गई। साथ ही प्रशिक्षण मे प्रजेंटेशन के माध्यम से 80 वर्ष से अधिक उम्र, अहर दिव्यांग मतदाता तथा कोविड से प्रभावित मतदाता को पोस्टल बैलट से मतदान कराने की सम्पूर्ण व्यवस्था की जानकारी भी दी गई। बताया गया कि प्रत्येक मतदान दल मे दो मतदान अधिकारी, माइक्रो आब्जर्वर, सुरक्षा अधिकारी रहेंगे। निर्वाचन की गोपनीयता के साथ सम्पूर्ण मतदान प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।पोस्टल बैलट की सुविधा लेने वाले निर्वाचक के प्रथम बार न मिलने पर दुबारा सूचना दे कर मतदान दल उनके घर जाएगा।
यदि दूसरी बार भी निर्वाचक नहीं मिलते है तो उस परिस्थितियों मे उस निर्वाचक के लिए आगे कोई कार्यवाही नही की जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान प्रभारी अधिकारी/सहायक परियोजना निदेशक विम्मी जोशी, हिलक विकास अधिकारी संतोष पंत,जीवन कलौनी,अशोक कुमार, एम.पी.जोशी,अनिल रौतेला ने प्रशिक्षण प्रदान किया, प्रस्तुतिकरण में कम्प्यूटर ऑपरेटर मनोज बिष्ट ने सहयोग प्रदान किया।