उत्तराखण्ड
पीडब्ल्यूडी अभियंता को रिश्वत मामले में पांच साल की सजा
हल्द्वानी: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में लोक निर्माण विभाग (PWD) के अवर अभियंता अमित गिरी को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी पाते हुए विशेष न्यायाधीश ने उन्हें पांच साल की सजा सुनाई है। यह मामला सात साल पुराना है, जिसमें अभियंता पर ठेकेदार से रिश्वत लेने का आरोप था। इसके अलावा, उन पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
घटना का विवरण
वर्ष 2017 में पिथौरागढ़ में कार्य कर रहे ठेकेदार धीरेंद्र सिंह ने अपने किए गए काम का भुगतान प्राप्त करने के लिए फाइल पेश की थी। इस दौरान अभियंता अमित गिरी ने काम की मेजरमेंट बिल बनाने के बदले 8500 रुपये की रिश्वत मांगी थी।
शिकायत और गिरफ्तारी
धीरेंद्र सिंह ने 2018 में इस भ्रष्टाचार की शिकायत उत्तराखंड सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) में की थी। तत्पश्चात, 9 फरवरी को विजिलेंस टीम ने पिथौरागढ़ में छापा मारकर अभियंता को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
अदालत का फैसला
मामला भ्रष्टाचार निवारण संगठन की विशेष अदालत में चला, जहां अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने मामले की मजबूती से पैरवी की। अदालत ने अभियुक्त को दोषी ठहराते हुए उन्हें पांच साल की कठोर सजा और प्रत्येक भ्रष्टाचार के आरोप में एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
कड़ा संदेश
यह फैसला एक कड़ा संदेश देता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन और न्याय व्यवस्था पूरी तरह से सख्त है। अधिकारियों को यह चेतावनी दी गई है कि यदि वे रिश्वतखोरी में संलिप्त पाए जाते हैं तो उन्हें कठोर सजा भुगतनी होगी।