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उत्तराखण्ड

साइकिल से देश के बॉर्डर तक की यात्रा कर लौटे बिन्दुखत्ता के राजेश

बिन्दुखत्ता। मिनी उत्तराखंड के नाम से जाना जाने वाला बिंदुखत्ता अदम्य साहस व वीरता के लिए किसी परिचय का मोहताज नहीं है। बस फर्क इतना है कि राजस्व ग्राम,नगर पालिका जैसी सुविधा न होने के कारण यहाँ के लोग कई सरकारी सुविधाओं से बंचित रह जाते हैं। सैनिक बाहुल्य वाला यह क्षेत्र काफी लम्बे समय से राजस्व ग्राम की लड़ाई लड़ता आ रहा है। नेताओं द्वारा वर्षों से बिन्दुखत्ता को मात्र चुनावी मुद्दा बनाकर रखा जाता है।
साहस का परिचय देते हुए बिन्दुखत्ता क्षेत्र के इंद्रा नगर एक निवासी राजेश जोशी ने साइकिल से हजारों किलोमीटर की यात्रा कर साहस का परिचय दिया। उन्होंने कई राज्यों जैसे चंडीगढ़, हिमांचल, मनाली,सरजू,जप्पा, थाजंगल, लाजुउँगल,कारगिल, लद्दाख व भारत पाकिस्तान बॉडर पहुँच कर वापसी की। आज ही 15 अगस्त को उनके क्षेत्र में वापस आने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान क्षेत्र वासियों सहित पूर्व सैनिक संगठन, जनप्रतिनिधियों ने उनका फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया।

जोशी का कहना है कि कुछ करने के लिए युवाओं को किसी भी कार्य के लिये सबसे पहले मन में संकल्प लेकर घर से निकलना होगा।उसके बाद आगे के रास्ते अपने आप आसान हो जाते हैं।
-प्रेम सिंह दानू -बिंदुखत्ता

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