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धराली में राहत और बचाव कार्य में तेज़ी!, DM प्रशांत आर्य ने संभाला मोर्चा
उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य घटना के बाद से ही मौके पर डटे हुए हैं। घटना के बाद से ही वो सर्च-रेस्क्यू ऑपरेशन से लेकर राहत सामग्री वितरण और बुनियादी ढांचे की बहाली तक हर पहलू की खुद निगरानी कर रहे हैं। जिसके चलते राहत और बचाव कार्य में तेजी आई है। इसके अलावा आपदा में प्रभावित परिवारों को समय से सहायता राशि, आवश्यक रसद और अन्य जरूरत का सामान समय पर उपलब्ध कराया गया है।जिलाधिकारी के सक्रिय प्रयासों से धराली में बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल हो चुकी है। जबकि इंटरनेट कनेक्टिविटी आज शाम तक सुचारू होने की उम्मीद है। बता दें कि डबरानी के पास ओएफसी लाइन कटने से कल नेटवर्क बाधित हुआ था। सड़क बहाली तक धराली और आसपास के भंडारगृहों में पर्याप्त सामग्री का स्टॉक मौजूद है। जबकि जरूरत पड़ने पर हवाई मार्ग से भी सप्लाई की जा रही है।किसानों और बागवानों के नकदी फसल और सेब के नुकसान का आंकलन उद्यान,कृषि और राजस्व विभाग द्वारा किया जा चुका है। धराली में क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग की मरम्मत का प्रयास जारी है। उधर हर्षिल गाड़ में जमा मलबा हटाने के बाद गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सोनगाड़ तक सुचारू हो जाएगा।हालांकि सोनगाड़ में जगह-जगह लगभग 400 मीटर सड़क मार्ग का हिस्सा पूर्ण रूप से ध्वस्त है। फिलहाल गंगोत्री से धराली एवं हर्षिल से सोनगाड़ तक यातायात ट्रांशिप के माध्यम से सुचारू है। सोनगाड़ से डबरानी तक करीब 2 किमी पैदल मार्ग है। उसके बाद वहां से उत्तरकाशी के लिए सड़क मार्ग सुचारू है।मंगलवार को जिलाधिकारी ने हर्षिल से सोनगाड़ तक क्षतिग्रस्त मार्ग का निरीक्षण किया और सीमा सड़क संगठन को तेजी से काम पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने सोनगाड़ में क्षतिग्रस्त वैली ब्रिज का भी जायजा लिया।

