उत्तराखण्ड
रंग कर्मियों को न्यायालय से मिली राहत
रिपोर्टर भुवन ठठोला
नैनीताल। रंग कर्मियों को न्यायालय ने राहत दी है बीते वर्ष नगर पालिका प्रशासन व रंगकर्मियों के बीच बीएम शाह ओपन एयर थिएटर में पोस्टर फाड़ने को लेकर विवाद हुआ था जिसके बाद पालिका के पूर्व इओ ने 3 रंग कर्मियों पर उनके साथ अभद्रता करने और सरकारी कार्य मे बाधा उत्पन्न करने को लेकर मुकदमा दर्ज किया था जिसके बाद कोर्ट ने रंगकर्मियों के खिलाफ कोई सबूत न मिलने पर सभी रंगकर्मियों को बाइज्जत बरी कर दिया है।
बता दें कि बीते वर्ष 13 अक्टूबर 2022 को मंच आर्ट एंड थिएटर द्वारा अपना 22वां शरदोत्सव मनाने की तैयारी की जा रही थी। इस बीच पालिका प्रशासन द्वारा बीएम शाह ओपन एयर थिएटर के बाहर लगे कार्यक्रम के पोस्टर को संपत्ति विरूपण अधिनियम का हवाला देते हुए फाड़ दिया और क्षेत्र में लगे बैनर को भी हटा दिया गया जिसके चलते रंगकर्मियों और पालिका प्रशासन के बीच जमकर विवाद भी हुआ।
वहीं पूर्व नगरपालिका अधिशासी अधिकारी अशोक कुमार वर्मा ने रंगकर्मी इदरीश मलिक पवन कुमार, व जावेद के खिलाफ उनके साथ कार्यालय में घुसकर अभद्रता करने सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने व फाइलों के साथ छेड़छाड़ करने का गंभीर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया।
जिसके बाद मामले में जिला न्यायालय में सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने पूर्व नगरपालिका अधिशासी अधिकारी अशोक कुमार से आरोपों के साक्ष्य देने को कहा कोई सबूत न दे पाने के चलते कोर्ट ने तीनों रंगकर्मियों को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया।
वहीं बुधवार को पत्रकार वार्ता करते हुए इदरीश मलिक और उनकी पत्नी कमल मलिक द्वारा बताया गया किसी भी रंगकर्मी को रंग कर्म करने से कोई तड़ीपार नहीं कर सकता। कोर्ट ने सत्यता के आधार पर तीनों रंग कर्मियों को निर्दोष मानते हुए बरी किया है।
कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष, पूर्व ईओ अशोक कुमार उनकी गवाह सभासद प्रेमा अधिकारी,निर्मला चंद्रा, पर उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के चलते उनके द्वारा सभी के खिलाफ एक-एक करोड़ रुपए का मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
अगर उनके अधिवक्ता अखिल साह व चंद्रेश ममगई ने मुकदमा की पैरवी नही की होती तो रंगकर्मी पवन कुमार और जावेद का पूरा भविष्य बर्बाद हो जाता।