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उत्तराखण्ड

पहाड़ पर रोडवेज की बसें आम आदमी के लिए सिर्फ आवाजाही का साधन, छाता व रेनकोट पहनकर सफर करने को मजबूर

पहाड़ पर रोडवेज की बसें आम आदमी के लिए सिर्फ एक आवाजाही का साधन हैं। यह बसें इतनी खटारा हो गई है कि कभी-कभी आधे रास्ते में ही यात्रियों को छोड़ देती हैं। पूरी तरह से खत्म हो चुकीं इन बसों में सफर जान जोखिम में डालने जैसा है।मानसूनकाल में ये बसें यात्रियों का दर्द और बढ़ा रही हैं। टूटीं खिड़कियों से बारिश का पानी बसों में भर जाता है। छतें टपकती रहती हैं। लिहाजा, यात्रियों को रेनकोट पहनकर या छाता ओढ़कर सफर करना पड़ता है। कई बसों की सीटें बैठने लायक नहीं हैं। किसी का कवर फटा है तो किसी की गद्दी खराब है। अमर उजाला ने शुक्रवार को रोडवेज बसों हाल जाना तो यह तस्वीर सामने आई।

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