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उत्तराखण्ड

रुद्रप्रयाग को मिला सबसे युवा डीएम, प्रतीक जैन ने चार्ज लेते ही 24 किलोमीटर पैदल चलकर केदारनाथ पहुंचकर दिखाया संकल्प

रुद्रप्रयाग जिले को उसका सबसे कम उम्र का डीएम मिल गया है । सौरभ गहरवार के जाने के बाद प्रतीक जैन ने नए जिलाधिकारी के तौर पर चार्ज संभाल लिया है । प्रतीक की ये पहली तैनाती बतौर डीएम है और उन्होंने कार्यभार ग्रहण करते ही साफ कर दिया है कि काम का तरीका उनका थोड़ा अलग रहने वाला है ।

जैसे ही उन्होंने कुर्सी संभाली वैसे ही सीधा केदारनाथ यात्रा मार्ग की हालत देखने निकल पड़े । इन दिनों चारधाम यात्रा अपने चरम पर है और रुद्रप्रयाग उसका अहम हिस्सा है क्योंकि केदारनाथ इसी जिले में आता है । प्रतीक जैन ने पैदल यात्रा कर रास्ते की हर एक चीज़ को अपनी आंखों से देखा ।

नई ज़िम्मेदारी उठाते ही 32 साल के इस अधिकारी ने 24 किलोमीटर लंबा रास्ता खुद पैदल तय किया और रास्ते में हर जगह रुककर लोगों से बातचीत की । तीर्थयात्रियों से सुविधाओं की जानकारी ली और जहां दिक्कत दिखी वहां सुधार के निर्देश भी दिए । बाबा केदार के दर्शन किए और वहां के तीर्थ पुरोहितों से भी मुलाकात की ।

केदारनाथ तक पहुंचने के रास्ते का उन्होंने बारीकी से जायजा लिया । नेशनल हाईवे के जिस हिस्से में भूस्खलन की आशंका रहती है वहां मशीनें हमेशा मौजूद रखने के निर्देश दिए । उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को भी देखा और एसडीआरएफ की तैयारियों को भी जांचा ।

रुद्रप्रयाग जिले के इतिहास में ये पहली बार है जब कोई डीएम इतना कम उम्र में बना हो । प्रतीक जैन राजस्थान के अजमेर से हैं और 2018 बैच के आईएएस हैं । उनका जन्म 25 जुलाई 1993 को हुआ था और इससे पहले वो हरिद्वार में सीडीओ रह चुके हैं । जेएनयू से उन्होंने पब्लिक मैनेजमेंट में मास्टर्स किया है और सिविल सर्विस से पहले भी कई परीक्षाएं पास कर चुके हैं ।

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रुद्रप्रयाग को लेकर उनकी प्राथमिकताएं बिल्कुल साफ हैं । ये जिला धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है । यहां केदारनाथ मंदिर के अलावा तुंगनाथ रुद्रनाथ मदमहेश्वर और त्रियुगीनारायण जैसे मंदिर हैं जिनका पौराणिक महत्व है । हर साल लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और इन रास्तों की व्यवस्था की ज़िम्मेदारी अब प्रतीक जैन के कंधों पर है ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी इस इलाके को लेकर बहुत गंभीर रहते हैं और यहां के विकास कार्यों की लगातार निगरानी होती है । केदारनाथ परिसर में चल रहे काम की सीधे पीएमओ से रिपोर्ट जाती है और खुद प्रधानमंत्री उसकी समीक्षा करते हैं । ऐसे में नए डीएम के लिए ये जिम्मेदारी बड़ी है लेकिन उन्होंने शुरुआत में ही जो सक्रियता दिखाई है उसने साफ कर दिया है कि जिले को अब एक नया और ऊर्जावान अफसर मिल गया है ।

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