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जेडीए में लंबित 200 पत्रकारों सहित सभी पत्रकारों को भूखंड देने की मांग
-मारवाड़ प्रेस क्लब ने जेडीए अध्यक्ष केसी मीणा को दिया ज्ञापन
-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम अलग से भेजा ज्ञापन
जोधपुर। पश्चिमी राजस्थान के प्रमुख पत्रकार संगठन मारवाड़ प्रेस क्लब के प्रतिनिधि मंडल ने शुक्रवार को जोधपुर विकास प्राधिकरण में लंबित चल रहे 200 पत्रकारों सहित सभी शेष रहे पत्रकारों के साथ साथ नए शामिल हुए पत्रकारों के अलावा डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकारों को भूखंड देने के लिए जोधपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष केसी मीणा को ज्ञापन दिया। पत्रकारों के भूखंड आबंटन को लेकर शुक्रवार को एक ज्ञापन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी संभागीय आयुक्त के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया।
मारवाड़ प्रेस क्लब के सचिव इम्तियाज अहमद ने बताया कि मारवाड़ प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजीव गौड़ के नेतृत्व में ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधि मंडल में गिरीश दाधीच, आरएस थापा,सुरेश खटनवालिया, सुनील दत्त,विक्रम दत्त,मनोज गिरी, माधव सिंह,जितेंद्र दवे,मोहित हेडा, दीपक निर्वाण और मुमताज अली शामिल थे। ज्ञापन में सीएम अशोक गहलोत को बताया गया कि जोधपुर के पत्रकारों को समय-समय पर नियमानुसार भूखंडों का आवंटन पत्रकारों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर कम से कम दरों में कराते आए हैं,उसी कड़ी में जोधपुर के 469 पत्रकारों को भूखंड देने के लिए बकायदा भूमि निर्धारण करने के साथ आवंटन पत्र भी तैयार कर लिए गए थे लेकिन उस दौरान आचार संहिता लगने के कारण आवंटन पत्र नहीं दिए जा सके। ज्ञापन में कहा गया कि उसके बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में बड़ी संख्या में नए पत्रकार भी जुड़ गए हैं, यही नहीं डिजिटल मीडिया के महत्व के चलते डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में भी कई पत्रकार जुड़ गए हैं,अब तो राजस्थान सरकार ने भी डिजिटल मीडिया को भी मान्यता दे दी है। लिहाजा लंबित चल रहे 469 में से दस्तावेज के आधार पर सही पाए गए 200 पत्रकारों को पहले चरण में भूखंड आबंटन पत्र जारी कराने के निर्देश जारी करने के आदेश दें। इसके अलावा 269 अपात्र माने गए पत्रकारों की जांच कराकर,उनके बाद में जो नए पत्रकार जुड़े हैं उनके साथ- साथ डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकारों को भी नियमानुसार रियायती दरों पर भूखंड आवंटन किए जाने हेतु आवश्यक निर्देश प्रदान करें।
ज्ञापन में विश्वास व्यक्त किया गया कि आप पत्रकारों की चुनौतियों भरी जिम्मेदारी को निभाने के हालात को समझ कर उनकी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द भूखंड आवंटन की प्रक्रिया शुरू करवाएंगे। सीएम से यह भी आग्रह किया गया कि आचार संहिता लगने से पहले पहले पत्रकारों से जुड़े भूखंड आवंटन मामले को निस्तारित करवा कर तमाम पत्रकार साथियों को राहत प्रदान करें। आप भली-भांति जानते हैं कि किन हालात में पत्रकार अपना जीवन बसर करते हैं और हर तरह की चुनौती का सामना करते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पूरी निष्ठा के साथ अपना दायित्व निभाते हैं।