उत्तराखण्ड
चमोली जिले के शिव सिंह को मिलेगा 28 वां गौरा देवी पर्यावरण पुरस्कार।
चमोली (गोपेश्वर)। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 28 वां गौरा देवी पर्यावरण पुरस्कार 2025 की घोषणा हो चुकी हैं। गौरा देवी पर्यावरण पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृट कार्य करने वाले समाज सेवकों को दिया जाता हैं इन्हीं कार्यों को देखते हुए चमोली जिले के निजमुला घाटी के दुर्मी गांव के शिव सिंह फरस्वाण का भी चयन किया गया हैं । शिव सिंह फरस्वाण को यह पुरस्कार विगत 13 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण और पत्रकारिता में जन–जन को जागरूक करने के लिए दिया जा रहा हैं। शिव सिंह की प्रारंभिक पढ़ाई अपने गांव के ही विद्यालय से हुई तथा उच्च शिक्षा पी जी कॉलेज गोपेश्वर से हुई। वर्तमान में निजी स्कूल में प्रवक्ता जीव विज्ञान के पद पर कार्यरत हैं। शिव सिंह को जन–जन को जागरूक करने पर उनके उत्कृट कार्य करने के लिए उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार जी द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका हैं। उनका कहना हैं कि वर्तमान समय में पर्यावरण एक संवेदनशील विषय बन गया हैं , यह हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती और बड़ा गंभीर विषय हैं जलवायु परिवर्तन जिसके कारण, जैव विविधता खत्म हो रही साथ ही न जाने हजारों वन्य जीव–जंतुओं की जातियां खत्म हो गई हैं और हजारों की संख्या में संकटग्रस्त हो गई हैं जो निकट भविष्य में खत्म हो जायेंगी और हमारा सारा परिस्थिकी तंत्र खत्म हो जाएगा। लगातार जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम अपनी करवट बदल रहा हैं हजारों साल के रिकॉर्ट तोड़ रहा हैं , समय पर बारिश हो नहीं रही यदि हो भी रही तो सालों का रिकॉर्ड तोड़कर प्राकृतिक आपदा का विकराल रूप धारण कर रही हैं। पृथ्वी का तापमान लगातार दिनों दिन बढ़ता जा रहा । उत्तराखंड में अत्यधिक भूस्खलन और बाढ़ का होना भी चिंतनीय विषय हैं यह एक विश्वव्यापी चुनौती हैं जलवायु परिवर्तन को रोक नहीं सकते लेकिन अभी भी समय रहते इसके प्रभाव को कम किया जा सकता हैं। जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए वैश्विक स्तर पर समय रहते ही धरातल पर कार्य करना चाहिए तथा अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने से ही इन सब समस्याओं को कम किया जा सकता हैं। साथ ही अधिक से अधिक जन – जागरुकता अभियान भी चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष, विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम “विश्व स्तर पर प्लास्टिक प्रदूषण का अंत” करना हैं यह प्लास्टिक कचरे की गंभीर समस्या से निपटने का एक वैश्विक संकल्प है। साथ ही आगामी 5 जून को पर्यावरण दिवस पर सभी लोगों को अधिक से अधिक पौधारोपण कर “एक पेड़ मां के नाम” जरूर लगाएं की अपील की है।

