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उत्तराखण्ड

सिलक्यारा सुरंग में पाइपों से जा रहे जवान, फिर अंदर पहुंचा कैमरा, हर हलचल पर रखी जाएगी नजर

देहरादून : सिलक्यारा सुरंग में डी-वाटरिंग शुरू होने में सप्ताहभर का समय लगेगा। सुरंग में फिर एक कैमरा पहुंचाया गया है, जिससे हर हलचल पर नजर रखी जाएगी। इसके अलावा सुरंग के अंदर भी सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं। रविवार को तीसरे दिन भी जवान व श्रमिक पाइप से सुरंग के अंदर रहे।

बीते 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग में भूस्खलन हादसे के बाद से निर्माण कार्य ठप है। केंद्र की अनुमति के बाद निर्माण शुरू करने के लिए गत दो दिनों से डी-वाटरिंग शुरू करने के लिए चरणबद्ध ढंग से काम किया जा रहा है, जिसके तहत सुरंग में मलबे के दूसरी तरफ भी सुरक्षात्मक कार्य शुरू कर दिए गए हैं। इसके तहत 265 से 275 मीटर चेनेज में कैनोपी तैयार की जा रही है।

इस काम के चलते डी-वाटरिंग शुरू होने में अभी सप्ताहभर का समय और लग सकता है। सुरंग में रेस्क्यू आपरेशन के बाद दोबारा एक कैमरा लगाया गया है, जिससे हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि मलबे के दूसरी तरफ भी सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं। सुरंग के अंदर ट्रांसफॉर्मर को स्टार्ट करने के लिए हीटिंग व प्राइमिंग की जरूरत है, जिसमें सप्ताहभर का समय लगेगा। इसके बाद ही डी-वाटरिंग शुरू हो पाएगी।

निर्माण कंपनी को चौथी बार मिलेगा कार्य विस्तार
चिन्यालीसौड़। सुरंग के निर्माण कार्य में लगी नवयुगा कंपनी को चौथी बार कार्य विस्तार मिलेगा। जीएम कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि दिसंबर में कंपनी का कार्य विस्तार खत्म हो चुका है, लेकिन सुरंग निर्माण पूरा नहीं होने के चलते अब कंपनी को कार्य विस्तार देने की तैयारी है।बता दें कि 4.5 किमी लंबी सुरंग का निर्माण वर्ष 2019 में शुरू हुआ था, जो कि वर्ष 2022 में पूरा होना था

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