कुमाऊँ
संग्रहालय में आयोजित संगोष्ठी में बोले,एकजुटता से ही हल होंगे संकट
अल्मोड़ा। हिंदी पत्रकारिता दिवस पर राजकीय संग्रहालय में आयोजित संगोष्ठी में आज दिन पर दिन गहरा रहे पत्रकारिता व पत्रकारों के संकटों को देश व दुनिया की व्यापक आर्थिक, सामाजिक नीतियों के परिपेक्ष्य में समझने की अपील की गई। वरिष्ठ पत्रकार व रंगकर्मी नवीन बिष्ट की पहल पर आयोजित इस संगोष्ठी में स्वतंत्रता आंदोलन में पत्रकारिता की भूमिका से लेकर आज पत्रकारिता, मीडिया संस्थानों एवं पत्रकारों की स्थिति पर गंभीर चर्चा हुई।
संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार एवं आईएफडब्ल्यूआई के पूर्व राष्ट्रीय सचिव पी. सी. तिवारी ने कहा कि देश में छात्र, युवा, कर्मचारियों, मज़दूर, किसानों के सामने रोज़ी रोटी और मानवीय गरिमा के साथ जीवन यापन के जो संकट खड़े हुए हैं उनका समाधान पूरे घटनाक्रम को समग्र रूप में समझने और उसके लिए एक बेहतर व्यवस्था बनाने की पहल से ही हो सकता है।
संगोष्ठी में पत्रकार किशन जोशी ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रहे सभी लोगों के बीच एकजुटता की आज सबसे बड़ी ज़रूरत है।
वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जोशी ने कहा कि हमें अपने ज़िलों, नगरों से एकजुटता के लिए पहल करनी चाहिए और आपसी संवाद से समस्याओं के समाधान की ओर बढ़ना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार अनिल सनवाल ने कहा कि जिन पत्रकारों के लिए मीडिया कर्मियों में सामाजिक समस्याओं की गहरी समस्याओं की गहरी समझ की नहीं है। संगोष्ठी में चारु पांडे ने कहा कि आज साफ व सच्ची बात कहना दिन प्रतिदिन कठिन हो रहा है। संगोष्ठी में नसीम अहमद आदि ने भी विचार रखे। संगोष्ठी में पत्रकारों व मीडिया कर्मियों से एकजुट होने की अपील की गई।
रिपोर्ट -नवीन बिष्ट